नई दिल्ली,(एजेंसी)23 जून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने योग की तुलना कुत्ते से की है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि योग का आसन कुत्तों की हरकत जैसा होता है। हालांकि उनके इस बयान के बाद मचे बवाल पर उन्होंने सफाई भी दी।
अपनी सफाई में येचुरी ने कहा कि अगर योग लोगों के जीवन को संवारने में मदद करता है तो उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि भूख और अकाल को खत्म किया जाए। सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए।
एक कार्यक्रम में दिया था बयान
माकपा नेता स्वर्गीय हरकिशन सिंह सुरजीत की जयंती पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में योग की आलोचना करते-करते इतना बहक गए कि उन्होंने इसकी तुलना कुत्ते की अंगड़ाई से कर डाली। वह कह बैठे, ‘योग दरअसल कुत्ते की अंगड़ाई जैसा होता है।’
येचुरी ने कहा, ‘कुत्ते के अंग संचालन में सभी योग क्रियाओं को देखा जा सकता है। कुत्ता जब उठता है तो वह अपने अगले और पिछले पैरों को फैलाता है और गहरी सांस भी लेता है।’
माकपा महासचिव के अनुसार, ‘आज योग के जरिये पूरे देश को मोदी और उनकी टीम भगवा रंग में रंगने में जुटी है। वे देश भर में ¨हदुत्व की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं, जो उचित नहीं है। भारत विभिन्नताओं का देश है। यहां सभी धर्मो के लोगों को समान अधिकार हैं, लेकिन कुछ लोग यहां ¨हदूवादी परंपरा को बढ़ाने में जुटे हैं।’
येचुरी ने कहा, ‘मेगा-मार्केटिंग के जरिये योग का दुरुपयोग किया गया। योग सत्र के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों के इस्तेमाल का तरीका ठीक वैसा है, जैसा पहले के तानाशाह किया करते थे। मोदी सरकार उसी नीति पर आगे बढ़ रही है।’
माकपा नेता ने कहा, बाबरी विध्वंस के बाद से दिल्ली में राजपथ पर लोगों के अधिक संख्या में एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा है, लेकिन रविवार को योग सत्र का आयोजन कर इसका उल्लंघन किया गया। उन्होंने कहा, ‘ऐसे आयोजनों से बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है। यदि योग जीवन को संवारने में मदद करता है तो उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि भूख और अकाल खत्म किया जाए।’ येचुरी के अनुसार योग से ज्यादा भूखों को रोजी-रोटी मुहैया कराने पर जोर होना चाहिए।