महोबा,(एजेंसी)18 जून। मुल्क में जब तक ‘रमजान में राम’ और ‘दीवाली में अली’ खोजने वाले लोग बसते हैं, सांप्रदायिकता मुंह की खाती रहेगी। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में कुछ हिंदुओं ने भाईचारे की शानदार मिसाल पेश की है।
शुक्रवार से शुरू हो रहे रोजे में यहां कुछ हिंदू भी अपने मुस्लिम भाइयों का साथ देंगे। बुंदेली समाज संगठन के समन्यवक तारा पाटकर ने बताया कि हम लोगों ने तय किया है कि शहर के उदल चौक पर लगभग 60 लोग मिलकर जिसमें 25 हिंदू शामिल हैं, सुबह की सहरी और दिन भर रोजे के बाद शाम को इफ्तार आयोजित करेंगे।
एम्स खोले जाने को लेकर भी बनाया जा सकेगा दबाव
उन्होंने बताया कि यह आयोजन करने से जहां एक तरफ पूरे मुल्क में हिंदू-मुस्लिम के बीच एक मजबूत सद्भाव का संदेश जाएगा, वहीं दूसरी तरफ बुंदेलखंड के केंद्र में बसे महोबा जिले में एम्स खोले जाने की मांग को लेकर भी प्रभावी दबाव बनाया जा सकेगा।
पाटकर ने कहा कि बुंदेलखंड के हिंदू-मुस्लिम और दूसरे सभी धर्मों के लोगों को एक साथ मजबूत कड़ी बनाकर हमारा संगठन देश के नीति निर्धारकों को यह एहसास भी कराएगा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में गरीबों सहित आम जनों की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए यहां एम्स खोला जाना कितना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 21 जून को हो रहे अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर जहां देश में योग को लेकर ओछी राजनीति हो रही है,वहीं हमारे संगठन ने शुक्रवार से शुरू होने वाले संयुक्त रोजा कार्यक्रम में सभी दलों के नेताओं को इसमें विशेष रूप से आमंत्रित किया है। ताकि वे हमारे एकता के संदेश को समझ सकें और एम्स खोले जाने के मामले में भी प्रभावी भूमिका अदा करें।