नई दिल्ली,(एजेंसी)15 मई। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों अपने बेहद खास चीन दौरे पर हैं, पर उनके साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का न होना विदेश और कूटनीति के जानकारों को खल रहा है। सुषमा स्वराज इस दौरे की तैयारियों में खासतौर काफी समय से व्यस्त थी।
टूटी परम्परा
जानकारों का कहना है कि आमतौर पर परम्परा ये रही है कि प्रधानमंत्री अपनी अहम विदेश यात्राओं के समय विदेश मंत्री को भी लेकर जाते हैं। इसलिए सुषमा स्वराज का मोदी के साथ चीन न जाना किसी को समझ नहीं आ रहा है।
आपको याद होगा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कुछ समय पहले मुलाकात भी की थी। स्वराज तब मोदी की यात्रा की तैयारी की यात्रा के संबंध में चीन गई थीं। उनके साथ विदेश सचिव एस.जयशंकर भी थे।
तब चीनी राष्ट्रपति ने एक नया उदाहरण पेश किया था। वे अपने देश में आए किसी विदेश मंत्री से आमतौर पर नहीं मिलते हैं। पर राष्ट्रपति से मुलाकात शी चिनफिंग ने सुषमा स्वराज से सीधे मिले थे। चीनी राष्ट्रपति के इस कदम को बहुत अहम माना गया था। जानकारों का कहना है कि मोदी अपनी पहले की गई विदेश यात्राओं में भी सुषमा स्वराज को लेकर नहीं गए। इसलिए इसमें कोई खास बात नहीं देखी जानी चाहिए।
विदेश मामलों के जानकार कहतेच हैं कि मोदी और स्वराज के संबंध बहुत मधुर है। इसलिए सुषमा स्वराज के मोदी के साथ न जाने को गंभीरता से लेन की जरूरत नहीं है। पर बहुत से जानकार कहते हैं मोदी को स्वराज को अपने साथ चीन लेकर जाना चाहिए था क्यों वह शुरू से ही मोदी की इस यात्रा की तैयारी में जुटी थीं।