नई दिल्ली,एजेंसी-3 फरवरी। केंद्र सरकार ने चुनावी साल में आम लोगों को तोहफा देते हुए सीएनजी और पीएनजी के दामों में भारी कटौती करने का ऐलान किया है। शहरी उपभोक्ताओं के लिए सीएनजी 15 रपये प्रति किलोग्राम यानी करीब 30 प्रतिशत और पाइप वाली रसोईं गैस 5 रपये घन मीटर यानी करीब 20 प्रतिशत सस्ती होने जा रही है।
सरकार द्वारा दिल्ली और अहमदाबाद जैसे शहरों में परिवहन के लिए सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और पाइप नेटवर्क से पहुंचाई जाने वाली रसोईं गैस (पीएनजी) का वितरण करने वाली कंपनियों को सस्ती रसोई गैस की आपूर्ति बढाने के निर्णय से इनकी उपभोक्ता कीमतों में कमी संभव हुआ है।
पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने सोमवार को कहा कि सरकार ने सिटी गैस वितरण कंपनी को अब घरेलू स्रोतों से प्राप्त प्राकृतिक गैस की आबंटित मात्रा 80 प्रतिशत की जगह 100 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। ऐसा पेट्रोरसायन, स्टील, और तेलशोधन क्षेत्र के घरेलू प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती कर के किया जाएगा।
महंगी आयातित एलएनजी की जगह घरेलू स्रोतों की सस्ती गैस की अतिरिक्त आपूर्ति होने से दिल्ली और अहमदाबाद जैसे शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी की कीमतें घटेंगी। इससे पाइप नेटवर्क से गैस प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं की रसाईं गैस भी सस्ती होगी। पेट्रोलियम मंत्री मोइली ने कहा कि हमारा लक्ष्य आम आदमी है, हम आम आमदी को राहत देना चाहते हैं और एक तरीके से यह मुद्रास्फीति निरोधक उपाय है। फिलहाल मुंबई की गैस की जरूरत घरेलू स्रोत की गैस से पूरा हो जाती है। ऐसे में उस शहर में इनकी दरों में कोई कटौती नहीं होगी। हालांकि दिल्ली में इस निर्णय से कीमतों पर फर्क पड़ेगा क्यों कि यहां कुल आपूर्ति का 28 प्रतिशत आयातित महंगी एलएनजी से पूरा किया जाता है, कीमत कम होगी। साथ ही गुजरात में अहमदाबाद जैसे शहर जो काफी हद तक आयातित ईंधन पर निर्भर है, कीमत नीचे आएगी।
मोइली ने कहा कि इस कदम से देश भर में सीएनजी और पीएनजी के दामों में कमी होगी (मुंबई जैसे उन शहरों को छोड़कर जहां गैस की शत प्रतिशत आपूर्ति घरेलू स्रोत से होती है)। जहां दिल्ली में सीएनजी के दाम करीब 15 रुपये कम होगा (करीब 30 प्रतिशत) वहीं पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस 5 रपये प्रति घन मीटर (करीब 20 प्रतिशत) सस्ती होगी।
हालांकि सीएनजी इकाइयों को गैस आपूर्ति बढ़ाने का आदेश आज जारी किया गया, लेकिन निर्णय लागू होने में 2-3 दिन का वक्त लगेगा क्योंकि गैस कंपनियों को गठजोड़ करना पड़ेगा और नया आपूर्ति समझौता करना पड़ेगा।