राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत अब छोटे शहरों में भी शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) खोलने की तैयारी है। यह केंद्र पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में खोले जाएंगे। इससे छोटे शहरों में भी गरीबों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अभी तक सिर्फ नगर निगम वाले व पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ही सीएलसी खोलने की व्यवस्था थी।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के 17 नगर निगम वाले शहरों के अलावा उन शहरों में रहने वाले कामगारों को भी रोजी-रोटी से जोड़ने का काम होगा, जिनकी आबादी पांच लाख से अधिक है।
वर्ष 2012 से सीएलसी के माध्यम से कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए शुरू की गई इस योजना से अधिक लोगों को जोडऩे के लिए मानक में बदलाव किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि बड़े शहरों में तो कामगारों के लिए रोजगार के अन्य अवसर भी उपलब्ध होते हैं, लेकिन छोटे शहरों में अवसर सीमित हैं। जिससे छोटे शहरों में रहने वाले कामगारों को रोजगार तलाशने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इस समस्या को दूर करने के लिए ही सरकार ने सीएलसी खोलने के लिए आबादी संबंधी मानक को कम कर दिया है। जिससे छोटे शहरों में सीएलसी खोला जा सकें।
इन ट्रेड में मिलेगा रोजगार: सीएलसी के माध्यम से मुख्य तौर पर इलेक्ट्रिकल मैकेनिक, कारपेंटर, वाहन चालक, पलंबर, टाइल्स ग्राइडिंग, हैंडपंप मैकेनिक, स्वीपर, राज मिस्त्री व अन्य ट्रेड शामिल हैं।