कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उत्तर-दक्षिण से जुड़ी टिप्पणी और जी-23 गुट की लगातार अनदेखी से पार्टी के भीतर असंतोष है। जम्मू में आज जी-23 गुट के सदस्य अपनी ताकत दिखाने के साथ ही पार्टी नेतृत्व को कड़ा संदेश देंगे। इसके लिए उत्तर भारत से जुड़े कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल व राज बब्बर यहां पहुंच चुके हैं। शनिवार को विवेक तन्खा के साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी आदि नेता यहां पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान को भी जी-23 के बैठक की सूचना है। वह भी बैठक पर निगाहें लगाए हुए है।
सूत्रों ने बताया कि जी-23 गुट के सदस्यों की बैठक राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता रह चुके गुलाम नबी आजाद के आवास पर हो सकती है। सदस्यों को आजाद के आवास पर ही बुलाया गया है। बैठक में कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। खास यह है कि यह बैठक राहुल गांधी के बयान से नाराजगी के तौर पर है। बैठक में साफ संदेश दिया जाएगा कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक देश एक है। यह संदेश पूरे देश को देने की कोशिश की जाएगी।
समूह के सदस्यों का कहना है कि कांग्रेस में इन दिनों जो कुछ भी हो रहा है वह पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस कार्यसमिति में लिए गए फैसले का खुलेआम उल्लंघन है। ज्ञात हो कि तिरुवनंतपुरम में पिछले दिनों राहुल ने कहा था कि वे 15 साल से उत्तर से सांसद हैं। उनका इस्तेमाल दूसरे तरह की राजनीति के लिए किया गया। केरल आने के बाद पाया कि यहां लोग मुद्दों के प्रति रुचि रखते हैं और इसकी तह तक जाते हैं। राहुल के बयान पर भाजपा ने उत्तर-दक्षिण के आधार पर बांटने का आरोप लगाया था।
राज्यसभा से सेवानिवृत्त गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी की ओर से किए गए व्यवहार से भी जी-23 से जुड़े लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि इतने वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने दोबारा उन्हें मौका नहीं दिया। प्रधानमंत्री तक ने उन्हें सम्मान दिया लेकिन अपनी पार्टी ने कोई सम्मान नहीं दिया। राबर्ट वाड्रा का केस लड़ रहे वकील को राज्यसभा का सदस्य बना दिया गया। मल्लिकार्जुन खडगे को राज्यसभा में विपक्ष का नेता जी-23 के वरिष्ठ सदस्यों की अनदेखी करते हुए बना दिया गया।