भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रगान में बदलाव करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. स्वामी ने पीएम मोदी को भेजे गए इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन…’ को संविधान सभा में सदन का मत मानकर स्वीकार कर लिया गया था.’
स्वामी ने आगे लिखा कि, ’26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा के अंतिम दिन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बगैर मतदान के ही ‘जन गण मन…’ को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था. हालांकि, उन्होंने माना था कि भविष्य में संसद इसके शब्दों में परिवर्तन कर सकती है. स्वामी ने लिखा है कि उस समय आम सहमति आवश्यक थी, क्योंकि कई सदस्यों का मानना था कि इस पर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि इसे 1912 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में ब्रिटिश राजा के स्वागत में गाया गया था.’
स्वामी ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सदस्यों की भावना को समझते हुए यह कार्य भविष्य की संसद पर छोड़ दिया था. स्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह संसद में प्रस्ताव लाएं कि जन गण मन की धुन से छेड़छाड़ किए बिना इसके शब्दों में परिवर्तन किया जाए. स्वामी ने सुझाव भी दिया है कि इसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव को ही मंजूर किया जा सकता है.