बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में लोजपा ने अपने 41 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। भाजपा से दोस्ती बरकरार रखी, वहीं नीतीश कुमार के 35 उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए। चिराग ने जदयू पर हमला किया कि जदयू को वोट देने का मतलब बिहार को बर्बाद करना है।
लोजपा ने राजग गठबंधन के हम और वीआईपी को भी चुनौती दी। हम के 6 और वीआईपी की एक सीट पर अपनी उम्मीदवारी से राजग गठबंधन को भी चुनौती दी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो आने वाले दूसरे चरण और तीसरे चरण के चुनाव में भी लोजपा की यही नीति रहेगी। आगे भी लोजपा भाजपा की सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
पहले चरण में लोजपा ने भाजपा से आए छह लोगों को टिकट दिया है। लोजपा ने भाजपा के नेता रहे राजेंद्र सिंह, उषा विद्यार्थी के अलावा भाजपा के झाझा के विधायक रवींद्र यादव, घोसी से भाजपा नेता राकेश सिंह, सासाराम से भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया, बांका के भाजपा नेता मृणाल शेखर को टिकट दिया है, वहीं जदयू नेता भगवान सिंह कुशवाहा को लोजपा ने जगदीशपुर से टिकट दिया है।
भाजपा के एक के बाद एक दिग्गज नेता बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले लोजपा में शामिल होने को भाजपा उनका सप्ताह का लोभ करार दे रही है। उसका मानना है कि भाजपा का जदयू के साथ गठबंधन मजबूत है और दोनों पार्टियां मिलकर ही सरकार बनाएंगी। हालांकि जदयू के कुछ नेता मानते हैं कि यह बागी भाजपा के इशारे पर ही लोजपा में शामिल हो रहे हैं।
रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान को जहां सहानुभूति की आस है, वहीं राजग से उनके रिश्ते की अग्नि परीक्षा भी होगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सब इसलिए लोजपा में शामिल हुए क्योंकि इस बार इन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा था लेकिन अभी तक भाजपा ने केवल पहले चरण की 27 सीटों के लिए ही उम्मीदवारों की घोषणा की है। हो सकता है अंतिम चरण आते-आते यह सूची कहीं और लंबी हो जाए।
दरअसल, भाजपा बागी राजद या कांग्रेस में शामिल होने के बजाय लोजपा के टिकट पर इसलिए लड़ना चाहते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है चुनाव के बाद लोजपा फिर सरकार में शामिल हो सकती है। यूं भी प्रदेश में लोजपा को 5 से 10 फीसदी वोट मिलता रहा है। इसीलिए भाजपा बागियों को भरोसा है कि लोजपा के वोट के साथ नीतीश कुमार और राजद से नाराज मतदाता भी उन्हें वोट देंगे। ऐसे में भाजपा बागियों को अपना भविष्य महागठबंधन के बजाय लोजपा में बेहतर दिख रहा है।
जदयू सूत्रों के अनुसार राजग गठबंधन लोजपा के खिलाफ उतनी ही मजबूती से चुनाव लड़ेगा जितनी मजबूती से महागठबंधन के खिलाफ। अब चिराग पासवान के लिए राजग के दरवाजे बंद हो गए हैं।
जदयू का मानना है कि भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र का फार्मूला दोहराना चाहती है जहां उसने 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना से अधिक सीटें जीतकर मुख्यमंत्री पद हासिल कर लिया था।
लोजपा में शामिल होने वालों में राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष और पिछले वर्ष तक झारखंड के संगठन मंत्री रहे राजेंद्र सिंह, नोखा से कई बार विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया, पालीगंज की पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी, राज्य महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष इंदु कश्यप और राज्य कार्य समिति के सदस्य मृणाल शेखर शामिल हैं।