आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार शाम दिल्ली के लिए उड़ान भरी। जगन मोहन रेड्डी के दिल्ली दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। मुख्यमंत्री रेड्डी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं।
कुछ समय से वाईएसआर कांग्रेस हलकों में अटकलें चल रही हैं कि जगन मोहन को एक कैबिनेट बर्थ और जूनियर कैबिनेट मंत्री के लिए दो बर्थ की पेशकश की गई है। हालांकि, माना जाता है कि जगन मोहन एनडीए में शामिल होने के लिए आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा दिलाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वाईएसआर सुप्रीमो ने इस मांग पर 2019 में अपने पूरे विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की थी।
जगन मोहन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दोनों कृष्णा जल के बंटवारे को लेकर अपनी लड़ाई को सुलझाने के लिए मंगलवार को दिल्ली में नदी विवाद पर सर्वोच्च परिषद की बैठक में भाग लेंगे।
केसीआर ने हालांकि हैदराबाद से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल होने का फैसला किया है। दूसरी ओर, जगन मोहन के लिए यह एक पखवाड़े में राष्ट्रीय राजधानी की उनकी दूसरी यात्रा है। वह 23 और 24 सितंबर को दिल्ली में थे, इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दो दौर की बैठकें कीं।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा चाहती है कि वाईएसआर कांग्रेस एनडीए का हिस्सा बन जाए। इसके पीछे की वजह इस साल के शुरू में शिवसेना का गठबंधन से बाहर हो जाना और पिछले महीने शिरोमणि अकाली दल के कृषि कानूनों के विरोध के चलते अलग होना बताया जा रहा है। इन दोनों दलों के बाहर होने से राज्यसभा में एनडीए के सदस्यों की संख्या घटकर 113 हो गई है। वहीं, यूपीए की ताकत 60 सीटों पर बनी हुई है, जबकि अन्य दलों में 70 सदस्य हैं।
सूत्रों ने कहा कि 28 सांसदों के साथ (22 लोकसभा में और छह राज्यसभा में) वाईएसआर कांग्रेस संसद में भाजपा की राह आसान बना सकती है। पार्टी ने अभी-अभी संपन्न सत्र में कृषि कानूनों के समर्थन में मतदान किया था।