Friday , 22 November 2024
Home >> Breaking News >> बीबीसी ने अपने कर्मी के यौन हमलों के मामले दबाए थे

बीबीसी ने अपने कर्मी के यौन हमलों के मामले दबाए थे


news-case-of-sexual-assaults-were-down-to-their-deeds-bbc-1-57745-57745-delhi-rape

न्यूयार्क,(एजेंसी) 08 मार्च । भारत की राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म की क्रूरतम घटना पर वृत्तचित्र बनाकर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन वह खुद अपने आंतरिक मामलों को दबाता रहा है। एक चर्चित ब्रिटिश राजनेता का कहना है कि बीबीसी ने अपने एक कर्मचारी द्वारा यौन हमलों के कई मामलों को दबा दिया, बल्कि कंपनी ने अपने एक प्रसिद्ध प्रस्तोता पर आधारित कार्यक्रम का प्रसारण रद्द कर दिया था। ब्रिटिश राजनेता के अनुसार, बीबीसी ने अपने प्रसिद्ध प्रस्तोता जिमी सैविले के सौ से भी अधिक बच्चाों के साथ हिंसक यौन हमलों का खुलासा करने वाली जांच रिपार्ट के प्रसारण को रद्द कर दिया था। इस रपट को दिसंबर 2011 में न्यूजनाइट कार्यक्रम में प्रसारित किया जाना था।
अभी पिछले हफ्ते ही सैविली के अपराधों की जांच करने वाले दल ने बताया था कि वह जिस अस्पताल में काम करता था, वहीं पर उसने 60 लोगों पर हमला किया था, जिनमें से आधे से ज्यादा पीç़डत 16 साल के थे और कुछ आठ साल के थे। मेट्रोपोलिटन पुलिस और बच्चाों के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए ब्रिटिश संगठन नेशनल सोसाइटी द्वारा 2013 में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि 214 आपराधिक मामले औपचारिक रूप से दर्ज किए गए हैं, जिनमें सैविले संदिग्ध है। ये वारदातें 1955 से 2009 के बीच की हैं। यौन हमलों के ज्यादातर मामले 14 चिकित्सालयों के हैं। ब्रिटिश संसद के सदस्यों ने बीबीसी द्वारा अपने कर्मियों के यौन हमलों के मामलों की अनदेखी पर जिंता जताई है।
समाचारपत्र “द गार्डियन” के मुताबिक, तत्कालीन सांसद और मौजूदा सिविल सोसाइटी मंत्री विल्सन ने कहा था, “”बीबीसी की आंतरिक संस्कृति स़डी हुई है और इस मामले के बाद भी क्या कुछ देखने की जरूरत हैक्”” “द टेलीग्राफ” के अनुसार, 2013 के अंत में विल्सन ने बीबीसी ट्रस्ट के प्रमुख लॉर्ड पैटन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विल्सन को एक ऑडियो रिकॉर्डिग की सामग्री का प्रसारण रोकने का प्रयास किया था। अखबार के मुताबिक, रिकॉर्डिग जांच के प्रमुख निक पोलार्ड की थीं, जिन्होंने कथित तौर पर अपने ही निष्कर्षो को नजरंदाज कर दिया। 2012 में आईटीवी ने सैविले के यौन हमलों के दशकों लंबे इतिहास को अपनी जांच पर आधारित एक रिपोर्ट में प्रसारित किया था।
इसमें जांच की प्रमुख डॉ. एंड्रोला जोनाथन ने कहा, “”जांच में पाया गया कि किसी भी शिकायत को न तो गंभीरतापूर्वक लिया गया और न ही प्रबंधन के किसी अधिकारी के पास ले जाया गया।”” इस जांच रिपोर्ट में जोनाथन ने कहा, “”सैविले के शिकार ज्यादातर लोग मरीज थे। उसके यौन हमलों के शिकार लोगों में से 90 फीसदी महिलाएं थीं।”” बीबीसी को सरकार द्वारा ब्रिटेन के सभी टेलीविजन दर्शकों पर लगाए गए एक कर से वित्तपोषण मिलता है, चाहे वे बीबीसी के कार्यक्रम देखते हों या नहीं।


Check Also

रेलवे ने इन पदों के लिए निकाली बंपर भर्तियां, करे अप्लाई

रेलवे भर्ती सेल उत्तर मध्य रेलवे की 1664 एसीटी अपरेंटिस रिक्तियों के लिए आवेदन अवधि …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *