नई दिल्ली,(एजेंसी)23 अगस्त। अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची शहर में ही रह रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास इसके पुख्ता सबूत हैं। एजेंसियों के पास कराची स्थित उसके घर का पता, उसकी पत्नी महजबीं शेख के 2015 अप्रैल के टेलीफोन बिल दाऊद का नाम और पता है। साथ ही खुफिया एजेंसियों के पास 59 वर्षीय दाऊद की वर्ष 2012 की एक ताजा तस्वीर और पाकिस्तानी पासपोर्ट की भी प्रति है। मुंबई धमाकों में 257 भारतीयों की मौत के जिम्मेदार दाऊद के पास तीन पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। शनिवार को जारी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 23 और 24 अगस्त को भारत और पाक के बीच एनएसए स्तरीय बातचीत के ठीक पहले दाऊद का ठिकाना दुनिया के सामने आने से पाकिस्तान का झूठ उजागर हो गया है। दाऊद शेख इब्राहिम नाम से जारी पासपोर्ट के जरिए वह कई बार पाकिस्तान और दुबई के बीच यात्राएं कर चुका है। उसके परिजन भी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर ही सफर करते हैं। दाऊद कराची के पॉश क्लिफ्टन इलाके में पत्नी महजबीं शेख, बेटे मोइन नवाज और …
Read More »अलगाववादियों की नजरबंदी हटी, गिलानी अभी भी नजरबंद, आसिया भूमिगत
श्रीनगर,(एजेंसी)21 अगस्त। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से प्रस्तावित मुलाकात से पहले कश्मीर में सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को नजरबंद बनाए जाने से हुई किरकिरी के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कट्टरपंथी गिलानी को छोड़कर अन्य सभी को रिहा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को भी घर भेज दिया गया है। अलबत्ता, आसिया अंद्राबी अभी भी भूमिगत है। अलगाववादियों की नजरबंदी और रिहाई का सियासी ड्रामा लगभग दो घंटे चला। बृहस्पतिवार सुबह अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक और अब्बास अंसारी के अलावा शब्बीर शाह, नईम खान, हिलाल वार, कट्टरपंथी हुर्रियत प्रमुख गिलानी के करीबी मुहम्मद अशरफ सहराई व गिलानी के प्रवक्ता एयाज अकबर समेत सभी प्रमुख नेताओं को नजरबंद बना दिया गया। इन सभी के घरों के बाहर पुलिस व सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए। कट्टरपंथी गिलानी पहले से ही नजरबंद हैं। प्रमुख हुर्रियत नेताओं को नजरबंद बनाने के बाद पुलिस ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को मैसूमा स्थित उनके घर से पकड़कर कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इससे पूर्व तड़के महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की …
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