जमशेदपुर,(एजेंसी)14 अगस्त। सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ थानान्तर्गत दारुदा गांव के नजदीक शुक्रवार को एनएच-33 पर बस व ट्रक की टक्कर में 13 कांवड़ियों की मौत हो गई। हादसे में 11 कांवड़ियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो की एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने वालों में छह महिलाएं और सात पुरुष हैं। जानकारी के मुताबिक, ये कांवड़िये ओडिशा के पुरी से बिहार के सिवान जा रहे थे। कांवड़िये झारखंड के देवघर में भगवान शिव भोले का जलाभिषेक करने के बाद पुरी गए थे। हादसे में मारे गए सभी कांवड़िये सिवान के आंदर बाजार निवासी थे। नौ घायलों में छह की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घायलों का जमशेदपुर के एमजीएम व टीएमएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुरी से लौट रहे कांवड़ियों ने उरमाल के नजदीक कृष्णा होटल में सुबह साढ़े चार बजे के करीब चाय पी थी। चाय पीने के बाद वह कुछ दूर ही आगे बढ़े थे कि सुबह पांच बजे रांची की ओर से तेज गति से आ रहे खाली ट्रक ने बस को अपनी चपेट में ले लिया। …
Read More »जमशेदपुर में छेड़खानी पर बवाल, पथराव; फायरिंग
जमशेदपुर,(एजेंसी)21 जुलाई। छेड़खानी की घटना के विरोध में मानगो गांधी मैदान के सामने सोमवार की रात 10 बजे सड़क जाम कर कार्रवाई की मांग कर रही भीड़ पर अचानक दूसरे पक्ष से हुए पथराव के के बाद पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण गया। मानगो थाना से कुछ ही दूरी पर बड़ा हनुमान मंदिर के पास दो पक्ष के लोग झुंड की शक्ल में ना केवल आमने-सामने भिड़ गए, बल्कि एक दूसरे पर जमकर पथराव किया। इससे भगदड़ मच गई। जो जहां था, जिस स्थिति में था, जान बचाकर भागा। इसमें कई लोगों को चोटें आईं, जिसमें सिटी डीएसपी अनिमेश नैथानी, पारडीह सर्किल इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रसाद, सीसीआर डीएसपी जंसिता केरकेट्टा समेत एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। सड़क ईंट-पत्थर से पट गया। उपद्रवियों के आगे पुलिस नतमस्तक रही और उपद्रव करने वाले खुलेआम फायरिंग करते रहे। रुक-रुक कर गोलियों की तड़तड़ाहट से मानगो इलाका गूंजता रहा। पुलिस बेबस नजर आई। हाल यह था कि फायङ्क्षरग और पथराव के बीच सिटी एसपी चंदन कुमार झा समेत कई पुलिस अधिकारी आजादनगर की ओर आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। केवल वज्र वाहन …
Read More »डॉक्टरों ने 90 रुपये में बनाई 3.50 लाख की मशीन, बचाई नवजात की जान
जमशेदपुर,(एजेंसी)28 मई। आधुनिक काल के चिकित्सकों ने जरूरत पड़ी तो विकसित कर ली जुगाड़ टेक्नोलॉजी और बचा ली एक नवजात की जान। दरअसल, यह काम काफी कठिन था, लेकिन चिकित्सकों के जुनून व लगन ने उस नवजात को नयी जिंदगी दी। जी हां, महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार की शाम एक नवजात का जन्म हुआ। इस दौरान नवजात की न तो सांस चल रही थी और न ही दिल धड़क रहा था। बचने की उम्मीद नाम मात्र की थी। परिजन आस छोड़ चुके थे, लेकिन तबतक दो जूनियर चिकित्सकों का दिमाग क्लिक किया और विकसित कर दी जुगाड़ टेक्नोलॉजी। संयोग ऐसा कि टेक्नोलॉजी शत फीसद सफल भी रही और नवजात की जान भी बच गई। इसे देखकर चिकित्सक आश्चर्य के साथ-साथ उन चिकित्सकों को शाबाशी भी दे रहे हैं।दरअसल, यह अनोखा काम शिशु विभाग में तैनात डॉ. अजय राज के नेतृत्व में जूनियर चिकित्सक डॉ. मनीष भारती व डॉ. रविकांत ने किया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय राज ने बताया कि सीवियर बर्थ एस्फेक्सिया से पीड़ित नवजात गंभीर अवस्था में एमजीएम पहुंचा। अस्पताल में बच्चे के …
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