उत्तर प्रदेश में ढाई दशक से प्रतापगढ़ जिले की सियासत को अपने हिसाब से चला रहे कुंडा के निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का सियासी वर्चस्व इस बार पंचायत चुनाव में टूटता नजर आ रहा है. राजा भैया पहली बार जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपने किसी भी समर्थक को अपने ही क्षेत्र में निर्विरोध नहीं जिता सके. जबकि इससे पहले उनके दर्जन भर करीबी नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता था और अगर कोई नामांकन कर भी देता था तो बाद में अपना पर्चा वापस ले लेता था. हालांकि, इस बार प्रतापगढ़ के सियासी हालत पूरी तरह से बदले हुए नजर आ रहे हैं. सपा से लेकर बीजेपी तक ने राजा भैया के समर्थकों के खिलाफ चुनावी मैदान अपने प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. प्रतापगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वोटिंग दूसरे चरण में 19 अपैल को है. इस बार प्रतापगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है. 1995 से लेकर अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर राजा …
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