उन्नाव के कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा होने और देवर मनोज सेंगर की मौत के बाद अब जिला पंचायत का कामकाज संभालने में संगीता सेंगर की मुश्किलें बढ़ेंगी। अगले वर्ष 2020 के अक्तूबर महीने में जिला पंचायत के चुनाव संभावित हैं। पिछले चुनाव में पति और देवर ने जिला पंचायत चुनाव का पूरा प्रबंधन संभाला था। ऐसे में आने वाले चुनाव में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वर्ष 2015-16 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान कुलदीप सेंगर सपा से भगवंतनगर से विधायक थे। उन्होंने पार्टी से बगावत कर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतारा था। सत्ता दल से विरोध लेने के बाद भी उन्होंने अपने भाई मनोज सेंगर के साथ मिलकर ऐसी मोर्चेबंदी की थी कि सत्ता दल समर्थित प्रत्याशी ज्योति रावत को हार का सामना करना पड़ा था। संगीता सेंगर के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद उनके पति कुलदीप सेंगर ही अंदरखाने जिला पंचायत का काम काज देखते थे। उनके जेल जाने के बाद छोटे भाई मनोज सेंगर ने जिम्मेदारी संभाली और भाभी की मदद करते रहे। …
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