खबर इंडिया नेटवर्क, मो इरफ़ान शाहिद। दिल्ली में हुए विधान सभा चुनाव ने अच्छे-अच्छों के छक्के छुड़ा दिए । एक बड़ी ताकत बन कर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) को किसी ने ज़रा सी भी तवज्जो नहीं दिया । लेकिन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव में 28 सीटों पर जीत दर्ज कर देश कि जनता और सियासी खेमे को चौंका ज़रूर दिया है। इस पार्टी ने दिल्ली के युवाओं को दिल तो जीत ही लिया है और अब बारी है कि सत्ता में आकर दिल्ली वासियों कि सेवा करे और किये हुए वादे पूरे करे।
फाइनल इलेक्टोरल रोल के आंकड़े बताते हैं कि पूरी दिल्ली में 18 से 19 साल के ऐसे यंग वोटर्स का कुल पर्सेंटेज 3.4 पर्सेंट है, जिन्होंने इस बार पहली बार वोट डाला है। जिसकी कुल संख्या लगभग 4,11320, जिसमे लगभग 85 प्रतिशत से ज़यादा लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) को वोट किया। आम आदमी पार्टी (आप) ने न केवल युवा वोटरों का वोट हासिल किया बल्कि इस बार चुनाव में कई युवाओं को टिकट भी देकर उन्हें राजनीति करने पर उकसाया। पच्चीस वर्षीय प्रकाश जर्वर (आप) जो अपनी नौकरी छोड़ जन लोकपाल बिल के समर्थन में सड़को पर उतरे थे वो आज दिल्ली के देओली विधान सभा से विधायक बन चुके हैं। प्रकाश ने बीजेपी के प्रत्याशी गगन राणा और कोंग्रेस के विधायक अरविंदर सिंह के हराया। प्रकाश जर्वर ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के तमाम ऐसे युवा चेहरों ने अपनी जीत दर्ज करा कर राजनीति कि एक नयी परिभाषा रच दी।
इस चुनाव के परिणाम से ये तो साफ़ हो गया कि दिल्ली के जो युवा अब तक कांग्रेस के साथ हुआ करते थे या उसे वोट करते थे वो इस बार आम आदमी पार्टी (आप) के साथ जुड़ गए हैं। देखने वाली बात अब यह होगी कि क्या अब ये आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली के आम लोगों कि उम्मीदों पर खरी उतरेगी ?