जम्मू ,(एजेंसी)17 जुलाई। जल्द ही श्रीनगर और जम्मू के बीच की दूरी 31 किलोमीटर से कम हो जाएगी। इसके साथ ही इस करीब ढाई घंटे जम्मू श्रीनगर के बीच के सफर पुरा करने में कम लगेंगे।
ऐसा एनएच ए1 पर बने चेनानी नाशरी टनल की वजह से संभव हो पाया है। ये भारत का सबसे बड़ा रोड टनल होगा। अगले साल मई तक इसे लोगो के लिए खोल दिया जाएगा।
जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे ए वन पर चेनानी नाशरी टनल का काम जोरों पर चल रहा है। टनल बनाने वाली कंपनी के लोग दिनरात काम में जुटे हैं।
नौ किलोमीटर लंबे टनल के एक छोर से दूसरे छोर तक खुदाई का काम पूरा हो चुका है। ये टनल बेहद खास है, क्योंकि इस टनल से जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी 31 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस टनल के तैयार होते ही हर मौसम में बिना किसी रुकावट के सफर किया जा सकेगा फिर चाहे भारी बर्फबारी हो या बारीश।
साथ ही सफर में ढ़ाई घंटे कम लगेंगे। 6 घंटे में ही आप सड़क के रास्ते जम्मू से श्रीनगर आ जा सकते हैं। अत्याधुनिक तकनीक से इस टनल का निर्माण किया गया है। नौ किलोमीटर लंबा ये भारत का ही नहीं दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे लंबा टनल है। खुदाई का काम पूरा होने के बाद खुद सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इसका मुआयना करने पहुंचे थे।
इस टनल के साथ साथ इतनी ही लंबी एक स्केप टनल बनाई जा रही है लेकिन इसका इस्तेमाल यातायत के लिए नहीं बल्कि इमरजेंसी के दौरान होगा। मुख्य टनल को इस एस्केप टनल से जोडने के लिए 29 पैसेज रोड बनाए गए हैं।
इसके साथ ही टनल में ITCS यानी Integrated Tunnel Control System होगा। यानी एक ही सिस्टम से वैंटिलेशन, फायर कंट्रोल, सिग्नल सिस्टम, कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रीक्ल कंट्रोल्स होगें। सीसीटीवी के जरिये टनल के भीतर ट्रैफिक पर नजर रखी जाएगी।
9 किलोमीटर लंबे इस टनल में गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के प्रदूषण को लेकर वेंटिलेशन के भी खास इंतजाम किए जा रहे हैं। ये तो वो खासियत हैं जो टनल निर्माण के बाद नजर आएंगी लेकिन टनल बनाने के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
टनल की खुदाई के लिए NATM यानी New Austrian Tunneling Method का इस्तेमाल किया गया। टनल की खुदाई में 4 साल लगे. 2011 में एक साथ मुख्य टनल और एस्केप टनल की खुदाई शुरु की गई थी जो इस महीने की 13 तारीख को पूरी हुई है। उम्मीद है कि अगले साल मई तक इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
टनल के खुलते ही ना सिर्फ जम्मू कश्मीर के बीच सड़क की दूरी कम हो जाएगी और वक्त भी बचेगा। ये टनल देश के विकास के रास्ते में एक बड़ा मील का पत्थर है।