नई दिल्ली,एजेंसी-4 फरवरी। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने सोमवार को जन लोकपाल विधेयक को मंजूरी दे दी. दिल्ली जन लोकपाल विधेयक-2014 के अनुसार, मुख्यमंत्री से लेकर चपरासी तक सभी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की जा सकती है.
दिल्ली सरकार ने बताया कि इंदिरा गांधी स्टेडियम में विशेष संसद सत्र बुलाकर इस विधेयक को पारित किया जाएगा. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा चुनाव से पहले किए गए वादों में यह विधेयक लाया जाना प्रमुख था.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा, “दिल्ली के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि दिल्ली लोकपाल विधेयक को मंजूरी मिल गई है.”
सिसौदिया ने आगे कहा कि इसके अलावा यह विधेयक भ्रष्टाचार का खुलासा करने वालों यानी व्हिसल ब्लोवर्स को संरक्षण प्रदान करेगा.
विधेयक के मसौदे के अनुसार, लोकपाल के पास स्वत: या किसी की शिकायत पर जांच शुरू करने तथा छह महीने से 10 वर्ष की सजा देने की शक्ति होगी, तथा अत्यंत दुर्लभ मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी दी जा सकेगी.
दिल्ली जन लोकपाल विधेयक के अनुसार, यदि किसी आपराधिक मामले में किसी व्यापारिक इकाई को लाभ पहुंचता है, तो उसे विधेयक में वर्णित कानून के मुताबिक सजा दिए जाने के अतिरिक्त दोषी को अपराध के कारण सरकारी राजस्व के हुए घाटे की पांच गुना राशि का भुगतान करना होगा.
मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष तथा एक पूर्ण अदालत की बैठक में चयनित उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की समिति लोकपाल अध्यक्ष एवं इसके 10 सदस्यों का चयन करेगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जन लोकपाल विधेयक को मंजूरी मिलने पर दिल्ली की जनता को बधाई दी. उन्होंने सोशल नेटवर्किं ग साइट ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में कहा, “बधाई! दिल्ली जन लोकपाल विधेयक को दिल्ली मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी.”