कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोरोना संक्रमण से निबटने के मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरदा ने लिखा, ‘कोरोना चेन टूटे, इसके लिए प्रतिपक्ष ने सरकार को हरसंभव कदम उठाने का मैंडेट दिया, मगर व्यवस्था में भी सरकार लचर दिखाई दे रही है।’
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि समेत जो पुराने वादे थे, वे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। सरकार एक तरफ तो कर्फ्यू लगा रही है और दूसरी तरफ 50-50 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर सरकारी कार्यालयों और सचिवालय को खोलने जा रही है।
हरदा ने आगे लिखा, ‘एक मुझ जैसे लोग हैं, जो जनसामान्य से स्वयं को कर्फ्यू के दायरे में लाने की अपील कर रहे हैं। मैं तीन-चार बार इस अपील को दोहरा चुका हूं और समझता हूं कि इस अपील के साथ जनता का समर्थन भी आ रहा होगा।’ साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को चेताया कि यदि वे शिथिल हो गए और कोरोना संक्रमण की चेन नहीं टूटी तो यह राज्य के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह हिम्मत कर कोरोना चेन तोड़ने के लिए हरसंभव निर्णय लें।
————————
एक वर्ष बढ़ाई आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती अवधि
शासन ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के गंभीर प्रभाव को देखते हुए आउटसोर्स के माध्यम से तैनात कर्मचारियों की तैनाती की अवधि एक वर्ष और बढ़ा दी है। अब इनकी तैनाती अवधि मार्च 2022 अथवा कोरोना महामारी रहने तक होगी। प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के जरिये विभिन्न कार्यों के लिए आउटसोर्स पर कर्मचारी रखे हैं। पहले इनकी सेवा अवधि 31 मई तक थी। अब कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमितों की संख्या में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है। इस पर कैबिनेट ने इनकी सेवाओं को बढ़ाने का निर्णय लिया था। इस क्रम में अब सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडेय द्वारा इनकी तैनाती अवधि विस्तारित करने का आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार इनकी तैनाती अब दो मार्च 2022 अथवा कोविड महामारी, जो भी पहले हो, तक रहेगी।