उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एचआईवी प्रभावित तीन गांवों में दहशत कम नहीं हो रही है। एक हफ्ते से चल रही सरकारी कवायद के बीच लोगों ने सीएचसी और जिला अस्पताल के आईसीटीसी पर टेस्ट करवाना बिल्कुल बंद कर दिया है। इस कारण कानपुर के एआरटी प्लस सेंटर पर भी पिछले 3-4 दिनों में एक भी मरीज नहीं पहुंचा है, जबकि वहां कई मरीज होने की आशंका है।
झोलाछाप के इंजेक्शन से बड़ी तादाद में लोगों में एचआईवी संक्रमण फैलने की बात पिछले हफ्ते सामने आई थी। इस कारण एक के बाद एक कई सरकारी टीमें गांव पहुंचीं और ग्रामीणों से पूछताछ की। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। पिछले 3-4 दिनों में कोई भी व्यक्ति टेस्ट करवाने के लिए बांगरमऊ सीएचसी या जिला अस्पताल के इंटिग्रेटिड काउंसलिंग ऐंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) नहीं पहुंचा है। पटेल नगर के सभासद आनंद अर्कवंशीय के अनुसार, लोगों में दहशत के साथ संकोच भी है। वे कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
संदिग्धों को फोन कर जांच के लिए बुलाएंगे
उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के एक प्रतिनिधि शनिवार को कानपुर के एआरटी प्लस सेंटर पहुंचे। इन्होंने बांगरमऊ के एचआईवी पीड़ितों की लिस्ट देखने के साथ ही उनके इलाज की समीक्षा की। डॉक्टरों और स्टाफ को कहा गया कि इनके इलाज में कोई कोताही न बरती जाए। जिन पीड़ितों की अब तक सीडी-4 काउंट जांच नहीं हो सकी है, उन्हें उन्नाव के लैब टेक्निशन के माध्यम से फोन कर जांच के लिए बुलाया जाएगा।
सोसायटी का फोकस इस बात पर भी है कि पीड़ितों के बैंक खाते में हर तीसरे महीने आने-जाने के 300 रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएं। इसके लिए उनकी बैंक खातों की डिटेल भी इकट्ठा की जा रही है। एआरटी प्लस सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रेम कुमार निगम के अनुसार, अब तक 1600 लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर हो चुकी है। बांगरमऊ केस में भी नियमों का पालन किया जाएगा।
डीएम के आदेश पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सफीपुर के सिद्धि विनायक नर्सिंग होम में छापा मारा। डिप्टी सीएमओ डॉ.तन्मय कक्कड़ के अनुसार, डीएम के पास एक शिकायती चिट्टी आई थी। इसमें इस अस्पताल में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। जांच में पता चला कि रजिस्ट्रेशन में जिन डॉक्टरों के नाम दर्ज थे, उनमें वहां कोई मौजूद नहीं था। ऑपरेशन थिएटर के अलावा बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन में भी कई गड़बड़ियां मिलीं। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी की गई है।