नई दिल्ली, एजेंसी। राज्यसभा के सभापति मो. हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही साफ कर दिया था कि प्रश्नकाल खत्म होने के बाद ही लोकपाल व लोकायुक्त विधेयक पर बहस होगी। सरकार ने भी उसे शुक्रवार को ही राज्यसभा से पारित कराने की तैयारी कर रखी थी। सपा को छोड़ बाकी दल इसके पक्ष में थे। लेकिन सपा लोकपाल विधेयक से पहले बढ़ती महंगाई पर चर्चा कराने पर अड़ गई। सपा के प्रो. रामगोपाल यादव की अगुआई में पार्टी के दूसरे सदस्यों ने सभापति के आसन के पास आकर नारेबाजी शुरू कर दी। नतीजा यह हुआ कि पांच मिनट में ही सदन की कार्यवाही पहले 12:00 बजे तक, फिर 2:30 बजे और फिर 3:30 बजे तक स्थगित हुई। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि हंगामे और शोर-शराबे के बीच ही 12:00 बजे कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री नारायणसामी ने लोकपाल व लोकायुक्त विधेयक-2011 को संशोधित रूप में पारित कराने के लिए फिर से पेश कर दिया। नारेबाजी के बीच उसी दौरान सपा के आलोक तिवारी नारायणसामी की तरफ बढ़े, लेकिन आगे ही बैठे वित्त मंत्री चिदंबरम ने उन्हें रोक दिया।
नारेबाजी के दौरान भाजपा के उप नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभी लोकपाल विधेयक पारित कर लिया जाए। महंगाई पर सोमवार को बहस हो सकती है। उनका यह सुझाव बेनतीजा रहा। विधेयक के समर्थन में होने के बावजूद भाजपा ने उसमें दो संशोधनों की मांग की है। उधर, सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होते ही माकपा व भाजपा के अंदरखाने चर्चा रही कि लोकपाल विधेयक न पारित कराने के पीछे सरकार व सपा की मिलीभगत है। गौरतलब है कि नारेबाजी कर रहे सपा सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हुए उपसभापति पीजे कुरियन ने जैसे ही कार्यवाही स्थगित करने की चेतावनी दी, कार्मिक राज्यमंत्री नारायणसामी व कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने ऐसा न करने का अनुरोध किया। उपसभापति ने फिर भी सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। संसद भवन परिसर में सपा नेता प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा, ‘पार्टी ने महंगाई पर चर्चा के लिए दो-दो नोटिस दे रखे हैं। जब तक उन पर बहस नहीं होती, पार्टी सदन को नहीं चलने देगी। इसके लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे, क्योंकि यह जनता की जरूरतों पर खरा नहीं उतरता। अन्ना आमरण अनशन पर हैं। सरकार उनकी वजह से यह विधेयक ला रही है।’
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