लेह,एजेंसी-13 अगस्त। पाकिस्तान के करीब जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उसे छद्म युद्ध लड़ने के लिए लताड़ा। तल्ख अंदाज में कहा, पाकिस्तान में भारत से युद्ध करने का दम नहीं, इसीलिए वह आतंकवादियों की आड़ लेकर छद्म युद्ध छेड़े हुए है। इस छद्म युद्ध में जितने बेगुनाह लोगों और सैनिकों की जान गई है, वह परंपरागत युद्ध से कहीं ज्यादा है। उन्होंने पाकिस्तान को हरकत से बाज आने की चेतावनी दी। सत्ता में आने के 79 वें दिन मोदी का यह नया रूप जम्मू-कश्मीर की दूसरी यात्रा के दौरान था। दुनिया के सबसे ऊंचे सेना के मोर्चे सियाचिन के करीब खड़े होकर मोदी ने सेना और वायुसेना के जवानों की हौसला अफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह तेवर सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे युद्ध विराम के उल्लंघन के बाद दिखाया है। इससे पहले उन्होंने 26 मई को शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित करके पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। मोदी ने कहा, ऐसा छद्म युद्ध पूरी दुनिया में चल रहा है। बेगुनाहों की जान जा रही है। इससे लड़ने के लिए सभी को आपस में हाथ मिलाने की जरूरत है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए रक्षा के क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा को बढ़ाया गया है, इससे हमारे सैन्य बलों के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
सैन्य अधिकारियों व जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हम देश की एकता और अखंडता पर किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। सियाचिन से सेना हटाने से इन्कार करते हुए कहा कि हम अपने जवानों की कुर्बानियों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। सियाचिन पर कोई समझौता नहीं होगा। हमारी सेना-हमारा गर्व है। सेना हमेशा नागरिकों की सुरक्षा के लिए आगे रहती है और यही कारण है कि जब करगिल की चोटियों पर घुसपैठ हुई तो उसकी पहली जानकारी ताशी नामग्याल नाम के एक चरवाहे ने सेना को दी थी।
जवानों की कर्तव्य भावना करती है प्रेरित:
प्रधानमंत्री ने जवानों के त्याग, राष्ट्रप्रेम और बलिदान की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि अपने परिवारों द्वारा दैनिक जीवन की अनेक परेशानियां और संघर्ष झेलने के बावजूद सैनिक अपने कर्तव्य के पथ पर अडिग रहते हैं। सैनिकों की यही ऊर्जा और कर्तव्य भावना मुझे प्रेरित करती है, इसलिए सीमा पर तैनात जवानों से प्रेरणा लेने के लिए मैं उनसे मिलता हूं। हमें अपने जवानों पर गर्व है लेकिन जवानों से भी ज्यादा उन मांओं पर गर्व है, जिन्होंने ऐसे सपूत देश को दिए हैं।
विकास के लिए शांति और सुरक्षा पहली आवश्यकता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को संबोधित करने के बाद सैन्य ऑडिटोरियम में रखी आगुंतक पुस्तिका पर अपने अनुभव में लिखा- विकास के लिए शांति और सुरक्षा पहली आवश्यकता है।
कहीं का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
जेएनएन, करगिल। पनबिजली परियोजना के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल में जनसभा को संबोधित किया। तेज धूप में दुर्गम-पर्वतीय इलाके में हुई यह सभा लोगों की उपस्थिति के लिहाज से भाजपा के लिए उत्साहवर्द्धक थी। वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी इसके इंतजाम के लिए वहां गए थे तो प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे चुनावी रैली के रूप में ही लिया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में ही उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार कहीं का हो-बर्दाश्त नहीं करूंगा। न खाऊंगा-न खाने दूंगा।
इसी भ्रष्टाचार की वजह से हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हम पिछड़े हैं-गरीब हैं। अब यह सब नहीं चलने वाला। जम्मू-कश्मीर को भी विकास के रास्ते पर दौड़ना है। यहां के नौजवान को भी देश के अन्य इलाकों के नौजवानों के साथ आंख से आंख मिलाकर खड़े होना है।
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