नई दिल्ली,एजेंसी-8 अगस्त। सचिन तेंदुलकर की राज्यसभा में लगातार अनुपस्थिति का मामला गरमाता जा रहा है। इस मसले पर जावेद अख्तर के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। सचिन की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए अख्तर ने कहा कि संसद की सदस्यता कोई ट्रॉफी नहीं है। सचिन को नियमित रूप से संसद आना चाहिए।
अख्तर की इस बात की सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हो रही है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिस शख्स ने अपना वोट नहीं डाला हो, वो ऐसी बात न करे।
वहीं, यह मामला आज राज्यसभा में भी उठा। सचिन के साथ-साथ रेखा भी कई दिनों से संसद से गैरहाजिर हैं। सीपीआई सदस्य पी. राजीव ने राज्यसभा में सवाल उठाया कि दोनों सदस्य लंबे समय से गैरहाजिर क्यों हैं?
राजीव के मुताबिक, अगर दोनों सदस्य 60 दिन से गैरहाजिर हैं तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। उन्होंने सदन को जानकार दी कि सचिन और रेखा को 2012 में राज्यसभा की सदस्यता प्रदान की गई थी।
पिछले साल रिटायर होने वाले सचिन केवल तीन दिन सदन में मौजूद रहे हैं। वहीं रेखा सात दिन ही आईं।
Check Also
बाढ़ से बेहाल है पूरा बिहार, अस्पताल से लेकर स्कूल तक सभी पूरी तरीके से हो गए जलमग्न
पूरा बिहार बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है. वैशाली जिला भी बाढ़ से बेहाल …