नई दिल्लीे,एजेंसी-6 अगस्त। दिल्ली विधानसभा भंग करके चुनाव कराए जाने की अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन क्यों जारी है और सरकार बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए? पीठ ने यह भी पूछा कि क्या चुने हुए जनप्रतिनिधि बिना काम के घर पर ही बैठे रहें? जजों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बयान देती है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर दो महीने के भीतर विधानसभा भंग करने पर विचार करेगी तो हम याचिका को निरस्त कर देंगे।
संविधान पीठ ने कहा, ‘एक पार्टी कहती है हमारे पास संख्या बल नहीं। दूसरी कहती है हमारी सरकार बनाने की इच्छा नहीं है और तीसरी के पास ताकत ही नहीं है। ऐसी स्थिति में जनता क्यों भुगते? कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि आखिर कब तक केंद्र सरकार दिल्ली विधानसभा को निलंबित रख सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सलाह दी है कि उसे दिल्ली में सरकार बनाने के लिए ठोस राय रखनी चाहिए। पीठ लंच के बाद भी इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगी।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार चलाने के बाद 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से दिल्ली की विधानसभा निलंबित है। कई बार चर्चा उड़ी कि बीजेपी दूसरी पार्टियों के कुछ विधायकों की मदद से सरकार बना सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।