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पश्चिम एशिया के संकट को मूक दर्शक बनकर न देखें : मोदी


Modi
फोर्तालेजा .ब्राजील,एजेंसी-17 जुलाई। ब्रिक्स देशों के छठे शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चेतावनी दी की कि पश्चिम एशियाई देशों की सीमा पर अस्थिरता के माहौल को मूक दर्शक बनकर देखते रहने का सबको गंभीर परिणाम भुगतना पडेगा।
श्री मोदी ने यहां .अंतरराष्ट्रीय प्रशासन और क्षेत्रीय संकट. विषय पर भाषण में कहा कि ब्रकि्स के सदस्य राष्ट्रों को इराक में जारी संघर्ष का मिलकर हल निकालना चाहिये।. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति क्षेत्रीय और वैश्विक शांति तथा स्थिरता के लिये गंभीर खतरा होेसकता है। भारत इस गंभीर परिणाम के प्रति अधिक चिंतित है क्योंकि खाडी देशों में रहने वाले 70 लाख भारतीय नागरिकों का जीवन इस संघर्ष सें प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा.. हमारी मुलाकात ऐसे समय में हो रही है. जब दुनिया बेहद उथल.पुथल और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक कमजोरियां भी बरकरार हैं। ऐसे में वैश्विक प्रगति और समृद्धि के लिये शांति और स्थिरता का वातावरण तत्काल बहाल करना आवश्यक है। पूरे विश्व को एकजुट होकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिये। हमें पता लगाना चाहिये कि ब्रकि्स के सदस्य देश कैसे मिलकर इराक में संघर्षा समाप्त कराने में सहायक बन सकते हैं।.
श्री मोदी ने कहा.. अफगानिस्तान से लेकर इराक तक का क्षेत्र उथल.पुथल और संघर्षा के दौर से गुजर रहा है। इससे बेहद अस्थिरता व्याप्त हो रही है जिसका सीमाओं से पार तेजी से प्रसार हो रहा है। इसका असर हम सभी पर पडता है। देशों में जारी ऐसी अस्थिरता का मूकदर्शक बने रहने का गंभीर परिणाम हो सकता है। अफगानिस्तान अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है। अफगान जनता दशकों से तकलीफों का सामना कर रही है। विश्व को एकजुट होकर शांतिपूर्ण. स्थिर. लोकतांत्रिक और समृद्ध देश के निर्माण में उनकी सहायता करनी चाहिये।.
उन्होंने कहा.. हमें हर हाल में आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान की जंग में उसकी सहायता करनी चाहिये। पिछले दशक में उसे हासिल हुई प्रगति बरकरार रखने के लिये ऐसा करना आवशयक है। भारत अफगानिस्तान को क्षमता निर्माण. प्रशासन. सुरक्षा और आर्थिक विकास में सहायता देना जारी रख्ोगा। हम इस बारे में अपने ब्रकि्स के साथियों के साथ मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।.
श्री मोदी ने कहा.. इसी तरह सीरिया के हालात भी गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। भारत लगातार सभी पक्षों से हिंसा त्यागने का आह्वान करता आया है। इस मसलेके व्यापक समाधान के लिये व्यापक राजनीतिक संवाद के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसके लिये सैन्य या बाहर से थोपा गया कोई समाधान कारगर नहीं होगा। भारत किसी भी शांति प्रक्रि या में भाग लेने के लिये पूरी तरह तैयार है।.
उन्होंने कहा.. भारत इजरायल और फिलीस्तीन में हाल में भडकी हिंसा से भी चिंतित है। हम बातचीत के जरिये हल निकालने के पक्ष में हैं। इससे दुनिया भर में आशा और विश्वास उत्पन्न होगा। भारत सुरक्षा और विकास की चुनौतियों से जूझ रहे अनेक अफ्रीकी देशों में स्थायित्व कायम करने के लिये किये जा रहे प्रयासों का भी र्समथन करता है। मैं एक ऐसे देश से आया हूं. जहां पूरे विश्व को अपना परिवार मानने हैं अर्थात .वसुधैव कुटुम्बकम्. का विचार हमारी संस्कृति के चारित्रिक गुणों के मूल में समाया है।.
श्री मोदी ने कहा.. आतंकवाद एक ऐसा खतरा है जो युद्ध जैसा रू प धरण कर चुका है। दरअसल मासूम नागरिकों के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ा जा रहा है। मुझे पक्का यकीन है कि आतंकवाद चाहे किसी भी रू प या आकार में क्यों न हो. मानवता के विरूद्ध है। आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिये। मानवता को एकजुट होना चाहिये और आतंकवादी ताकतों विशेषकर उन देशों को अलग.थलग कर देना चाहिये जो बुनियादी नियमों की अवहेलना करते हैं। सिर् आतंकवाद पर निशाना साधने से बात नहीं बनेगी।.
उन्होंने कहा.. ब्रकि्स को हमारे राजनीतिक संकल्प को ठोस और समन्वित कार्ययोजना में परिवर्तित करना चाहिये। मैं संयक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि के मसौदे को जल्द मंजूर किये जाने का आह्वान करता हूं। ब्रकि्स एक ऐसा अनोखा समूह है. जिसमें विश्व में शांति और स्थिरता कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है।.


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