नई दिल्ली,एजेंसी-15 जुलाई | राज्यसभा में मंगलवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिनियम में संशोधन से संबंधित विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। यह विधेयक ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए लाया गया है। यह विधेयक ट्राई अधिनियम में संशोधन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ओर से लाए गए एक अध्यादेश का स्थान लेगा। मौजूदा ट्राई अधिनियम ट्राई के अध्यक्ष या इसके सदस्य को सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र या राज्य सरकारों में कोई पद ग्रहण करने से रोकता है।
विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर ने कहा, “यह विधेयक कानून का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री के पास कानून के खिलाफ जाने के अलावा कई और विकल्प थे।” अय्यर ने कहा, “सिर्फ एक व्यक्ति के लिए कानून बदलने के विचार के पीछे गलत मंशा है। इसका सिर्फ एक कारण है कि प्रधानमंत्री उन्हें (मिश्रा) रखने की जिद पर अड़े हैं। यह अधिनायकवादी तौर तरीका है।” मिश्रा उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक समाप्त होगी। विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है कि आखिर एक व्यक्ति के लिए सरकार कानून में बदलाव क्यों कर रही है।