नई दिल्ली,एजेंसी-9 जुलाई | संसद में बुधवार को प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं : – दीर्घावधि विदेशी कर्ज दिसंबर 2013 के अंत में कुल विदेशी कर्ज का 78.2 फीसदी था, जो मार्च 2013 के अंत में 76.1 फीसदी। दीर्घावधि कर्ज दिसंबर 2013 के अंत में मार्च 2013 के अंत के मुकाबले 25.1 अरब डॉलर (8.1 फीसदी) बढ़ा, जबकि लघु-अवधि कर्ज चार अरब डॉलर (4.1 फीसदी) घटा, जिससे आयात घटने का पता चलता है।
– 20113-14 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.98 फीसदी पर आ गई।
– उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में भी गिरावट का रुझान।
– थोक और उपभोक्ता दोनों प्रकार की महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद।
– वित्तीय घाटा कम किया जाना देश के लिए जरूरी बना रहा।
– वित्तीय घाटा कम किए जाने के लिए सिर्फ खर्च-जीडीपी अनुपात घटाने की जगह अधिक कर-जीडीपी अनुपात का सुझाव।
– आक्रामक नीतिगत पहल ने 2013-14 में सरकार को वित्तीय घाटा कम करने में मदद की।
– 2013-14 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 4.5 फीसदी।
– केंद्र और राज्य सरकारों की कुल देनदारी जीडीपी के अनुपात में कम हुई।
– वर्ष 2013-14 में देश के बकाया-भुगतान की स्थिति काफी सुधरी है। चालू खाता घाटा 32.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.7 फीसदी) रहा, जो 2012-13 में 88.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 4.7 फीसदी) था।
– रुपये की वार्षिक औसत विनिमय दर 2013-14 में प्रति डॉलर 60.50 रुपये रही, जो 2012-13 में 54.41 रुपये थी और जो 2011-12 में 47.92 रुपये थी।
– देश का विदेशी पूंजी भंडार मार्च 2014 के आखिर में बढ़कर 304.2 अरब डॉलर हो गया, जो मार्च 2013 के आखिर में 292 अरब डॉलर था।