नई दिल्ली,एजेंसी-9 जुलाई। भारतीय रेल वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान थोड़ा कम ॠण लेगी। चालू वित्त वर्ष के रेल बजट के दौरान वह पूंजी-व्यय के लिए अपनी दो कंपनियों आईआरएफसी और रेल विकास निगम लिमिटेड के जरिए बाजार से 11,790 करोड़ रुपए का ॠण लेगी।
फरवरी में पेश 2014-15 के अंतरिम रेल बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान इन दोनों कंपनियों द्वारा 13,800 करोड़ रुपए के ॠण का अनुमान लगाया गया था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में बाजार उधारी योजना में 2,010 करोड़ रुपए की कटौती की गई है।
रेलमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को संसद में रेल बजट पेश करते हुए कहा, मैंने इस योजना में आंतरिक संसाधन से जुड़े हिस्से की बढ़ोतरी की है, इसलिए मैं बाजार उधारी को घटाकर 11,790 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव करता हूं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए जुटाए जाने वाले संसाधन को अंतरिम बजट के स्तर पर रखा गया है। संसद में पेश रेल बजट में कहा गया कि इंडियन रेलवेज फाइनांस कॉर्पोरेशन (आईआरएफसी) डिब्बे एवं इंजन और परियोजनाओं में 11,500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
इसके अलावा भारतीय रेल के तहत आने वाली एक अन्य वित्तीय कंपनी, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने बाजार उधारी के जरिए 290 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है।
आईआरएफसी ने 2013-14 के दौरान बाजार से 14,688 करोड़ रुपए जबकि आरवीएनएल ने 254 करोड़ रुपए जुटाए। इसके अलावा रेलवे को 2014-15 में सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए 6,005 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।