नई दिल्ली,एजेंसी-7 जुलाई। संकटग्रस्त इराक से 2200 भारतीय वतन लौटना चाहते हैं. ऐसी इच्छा उन्होंने अधिकारियों के समक्ष व्यक्त की है. इनमें से 117 भारतीय रविवार देर रात नई दिल्ली पहुंच रहे हैं. वे नजफ से इराक एयरवेज की उड़ान से रात करीब 2.30 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसाग्रस्त इराक में मौजूद 2200 भारतीयों ने वतनवापसी की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि 1600 भारतीयों को वतन वापसी का टिकट मुहैया कराया गया है, जबकि 600 लोगों को इराक में उनकी कंपनियों ने टिकट मुहैया कराया है.
उन्होंने कहा कि अगले 36 से 48 घंटों में बसरा और नजफ से दो विशेष विमान भारत के लिए उड़ान भरेंगे, जिसमें नजफ से करीब 200 भारतीय और बसरा से 286 भारतीय वतन लौटेंगे. उल्लेखनीय है कि इराक में सुन्नी उग्रवादियों द्वारा बंधक बना ली गई 46 नर्से मुक्त किए जाने के बाद शनिवार को वतन लौटी हैं. वतनवापसी पर कोच्चि में उनका जोरदार स्वागत किया गया.
केरल की नर्सों के साथ ही अन्य राज्यों की नर्सें भी वतन लौटीं. शनिवार को एयर इंडिया के विमान ने 52 नर्सो को तेलंगाना और 24 को आंध्र प्रदेश पहुंचाया. वहीं 15 गुजराती नर्सों को पहले दिल्ली लाया गया और यहां से मुंबई की उड़ान में सवार किया गया. अकबरुद्दीन ने कहा कि दक्षिण इराक के बसरा, नजफ और कर्बला में छह सदस्यों वाली चार मोबाइल टीमें भारतीयों को स्वदेश वापसी में मदद पहुंचाने के काम में जुटी हैं.
ये तीनों केंद्र इराकी सरकार के नियंत्रण में हैं, जबकि केरल की नर्सें तिकरित में बंधक बना ली गई थीं और वहां से उन्हें मोसुल और फिर कुर्दिस्तान की राजधानी अर्बिल लाया गया. तिकरित और मोसुल पर सुन्नी उग्रवादियों का नियंत्रण है. प्रवक्ता ने कहा कि हम आशा करते हैं कि अगले 24 घंटे में 1600 भारतीय स्वदेश लौट आएंगे, जिसमें से 117 बगदाद से रविवार ठीक आधी रात बाद स्वदेश के लिए उड़ान भरेंगे.
इस बीच अधिकारियों ने कहा कि 39 भारतीय कामगार अब सुन्नी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाकर रखे गए हैं, हालांकि उन्हें कोई हानि नहीं पहुंचाई गई है. अकबरुद्दीन ने कहा कि नियंत्रण कक्ष में इराक में फंसे भारतीयों के 486 टेलीफोन कॉल प्राप्त हुए और सभी की बातें सुनी गईं.