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कैंपाकोला सोसाइटी के लोग आज फ्‍लैट करेंगे सरेंडर


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मुंबई,एजेंसी-23 जून। कैंपाकोला परिसर के निवासियों ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के हस्तक्षेप के बाद रविवार को अपने प्रतिरोध को त्यागते हुए कहा कि वे नगर निगम अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। इसके बाद आज वे अपे फ्लैट की चाबी बीएमसी के अधिकारियों को सौंप देंगे।

नगर निगम अधिकारियों का गत शुक्रवार से विरोध कर रहे कैंपाकोला सोसाइटी के निवासियों ने रविवार को अपने रुख में नर्मी लाते हुए अधिकारियों को सोमवार को परिसर में प्रवेश करने तथा गैरकानूनी फ्लैटों से बिजली, पानी और गैस पाइप लाइन का कनेक्शन काट देने की अनुमति देने पर रविवार को सहमति व्यक्त कर दी।

मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल कैंपाकोला परिसर निवासी आशीष जालान ने यहां कहा कि निवासी अब बृहन्मुंबई नगर निगम (एमसीएजएम) के अधिकारियों को बाधित नहीं करेंगे और निगम अधिकारियों को सोमवार को परिसर के अंदर जाने की इजाजत देंगे। निगम गैरकानूनी फ्लैटों को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन कर रहा है।

जालान ने कहा कि चव्हाण ने हमें आश्वासन दिया कि वे हमारी 67,000 वर्गफुट की अनुमति योग्य एफसीआई की मांग पर गौर करेंगे। उन्होंने हमसे अदालती आदेशों का पालन करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि वे सकारात्मक रूप से हमारी मांग पर विचार करेंगे तथा संबद्ध अधिकारियों से राय लेंगे। इस आश्वासन के साथ हम व्यवस्था के साथ सहयोग करने के लिए पहला कदम उठा रहे हैं ताकि हमें पुनर्विकास का अधिकार मिल सके।

निवासियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस उम्मीद के साथ पत्र लिखा है कि परिसर में कई वरिष्ठ नागरिक रहने के कारण उन्हें राष्ट्रपति ‘क्षमा’ मिल सकती है।

जालान ने कैंपाकोला परिसर निवासियों की ओर से बोलते हुए कहा कि यह दोनों पक्षों के लिए फायदे की बात है। हम निगम अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे, क्योंकि उन्होंने हमसे कहा है कि केवल बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति काटी जाएगी और ढहाने की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

बृहन्मुंबई नगर निगम (एमसीएजीएम) के उप निगम आयुक्त आनंद वाघरालकर ने बताया कि सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे से 102 गैरकानूनी फ्लैटों का पानी, बिजली और पाइप गैस कनेक्शन काटना शुरू कर दिया जाएगा।

एमसीएजीएम के अधिकारियों ने अभी तक निवासियों को खाली कराने के लिए किसी भी तरह के बल का इस्तेमाल नहीं किया है तथा वे उन्हें फ्लैट खाली कराने के लिए मना रहे हैं ताकि ढहाने की प्रक्रिया शुरू हो सके।

इस सोसाइटी के निवासी प्रवेश स्थल पर जमा होकर अधिकारियों का प्रतिरोध कर रहे थे। निगम अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि यदि कैंपाकोला सोसाइटी के निवासियों ने उन्हें गैरकानूनी फ्लैटों की पानी एवं बिजली आपूर्ति काटने के लिए परिसर में प्रवेश करने से रोका तो वे बल का प्रयोग करने से नहीं हिचकिचाएंगे।

निगम ने शुक्रवार को जन सेवकों को उनके कर्तव्य निर्वहन में बाधा पैदा करने के लिए निवासियों के खिलाफ पुलिस में मामला भी पंजीकृत करवाया था।

उच्चतम न्यायालय ने 3 जून को अवैध फ्लैटों के निवासियों की याचिका को खारिज कर दिया था। यह याचिका उन्होंने 31 मई के उस आदेश के खिलाफ लगाई थी जिसमें उन्हें उनके अपार्टमेंट खाली करने के लिए कहा गया था।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद एमसीजीएम ने अवैध इकाइयों के मालिकों को नोटिस जारी करके फ्लैटों की चाबियां सौंपने के लिए कहा था ताकि फ्लैट ढहाने की प्रक्रिया की जा सके। हालांकि किसी भी फ्लैट मालिक ने ऐसा नहीं किया है।

फ्लैट खाली करने की एमसीजीएम की समयसीमा 20 जून को पूरी हो गई थी। फ्लैट निवासियों को अपार्टमेंट सौंपने के लिए मजबूर करने की योजना के तहत नागरिक प्रशासन ने उन्हें मिलने वाली पानी और बिजली आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं काटने का फैसला किया है।

कैंपाकोला निवासियों की दलील है कि बिल्डरों एवं निगम अधिकारियों की गलती के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। गैरकानूनी तलों के निर्माण में बिल्डरों एवं निगम अधिकारियों की साठगांठ रही है।


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