पटना,एजेंसी-19 जून। उभरती भाजपा के खिलाफ बिहार में धर्मनिरपेक्ष ताकतों के गठबंधन को नया रूप दिए जाने के संकेतों के बीच राजद ने नीतीश कुमार की पार्टी में असंतोष के मद्देनजर राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव में जदयू उम्मीदवारों को अपने 21 विधायकों का समर्थन देने की बुधवार को घोषणा की।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा का खेल बिगाड़ने के लिए उनकी पार्टी सत्तारूढ़ जद यू का समर्थन करेगी जो दो निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद कर रही है।
लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आलोचक रहे लालू ने कहा कि उनका समर्थन वर्तमान समय की जरूरतों पर आधारित है और कुमार के साथ अपने गठबंधन की संभावना पर तब प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे जब ऐसी स्थिति बनेगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हमें कहा गया कि हमें अतीत की बात भुला देनी चाहिए भविष्य को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए और वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए। इसलिए मैं मौजूदा एजेंडा (राज्यसभा चुनाव) पर यह रूख अपना रहा हूं, मैं भाजपा के खेल को सफल नहीं होने दूंगा। विधानसभा में जदयू के 117 विधायक हैं जिनमें विधानसभाध्यक्ष शामिल हैं।
पार्टी को कांग्रेस के चार विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन लोकसभा में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद विधायकों के एक तबके के विद्रोह से उसके दो उम्मीदवारों की जीत कुछ हद तक अनिश्चित है। ऐसे में राजद का समर्थन काफी अहम साबित हो सकता है। राजद को भी असंतोष का सामना करना पड़ रहा है।
जद यू अध्यक्ष शरद यादव पहले ही उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुने जा चुके हैं। लेकिन पार्टी के दो अन्य उम्मीदवार पवन कुमार वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी को निर्दलीय अनिल शर्मा और साबिर अली की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
अनिल शर्मा बिल्डर हैं और वह जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे, वहीं साबिर अली भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन पार्टी में उनके प्रवेश का कुछ नेताओं द्वारा विरोध किए जाने के बाद उन्हें निकाल दिया गया था।
विधानसभा में भाजपा के 84 सदस्य हैं जबकि राजद के 21, कांग्रेस के चार और भाकपा के एक विधायक हैं। इसके अलावा पांच विधायक निर्दलीय हैं। 243 सदस्ईय सदन में 11 रिक्तियां हैं और इसकी प्रभावी संख्या 232 है। ऐसे में राजद के 21 विधायकों का समर्थन काफी अहम है।