पणजी,एजेंसी-13 जून। राज्यसभा में गोवा से प्रतिनिधित्व करने वाले एक कांग्रेसी सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की उपलब्धियों की अनदेखी करने के लिए शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आलोचना की है।
संसद के उच्च सदन में गोवा से एकमात्र प्रतिनिधि शांताराम नाईक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुखर्जी को अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुए संसद के संयुक्त अधिवेशन में दिए जाने वाले अपने संबोधन में संप्रग सरकार की उपलब्धियों को जोड़ना चाहिए था।
नाईक ने कहा, “राष्ट्रपति को महज सरकार का अभिलेख पत्र पढ़ने के बजाय अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए संप्रग सरकार की उपलब्धियों को जोड़ना चाहिए था।”
यह पूछे जाने पर कि मुखर्जी के संप्रग की उपलब्धियों को अभिभाषण में शामिल नहीं किए जाने से अपने को आहत महसूस करते हैं, नाईक ने कहा, “कुछ ऐसा ही है।”
सांसद ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के प्राधिकार को नजरअंदाज करने का प्रयास कर रहे हैं।
नाईक ने कहा, “सचिव अब प्रधानमंत्री के प्रति अधिक झुकाव रखेंगे और अपने मंत्री की नहीं सुनेंगे।”