नई दिल्ली,एजेंसी-9 जून | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ हिंसा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और यह संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं देश के विकास का हिस्सा हैं।
उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार संसद में 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए कृतसंकल्प है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत करेगी और कन्या शिशु को बचाने के लिए व्यापक अभियान चलाएगी। महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न की घटनाओं का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “हम महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने वाला कानून कितना प्रभावी है, इसकी समीक्षा की जाएगी।
इसके अलावा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा है कि सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं होगा और महंगाई को रोकने के लिए कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनता की सेवा के अपने कर्तव्य को नहीं भूलना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम यहां मतदाताओं की वजह से हैं और उनकी सेवा करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।”
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश के सभी राज्यों में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी(आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) स्थापित करेगी। एक राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी की भी स्थापना की जाएगी। मुखर्जी ने कहा कि युवाओं को शिक्षा दी जाएगी और नरेंद्र मोदी सरकार औपचारिक शिक्षा और कुशलता आधारित शिक्षा के अंतर को पाटने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार आनलाइन कक्षा शुरू करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इसके अलावा राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार गंगा की अविरल धारा, उसकी सफाई और उसे मौलिक रूप देने की दिशा में कदम उठाएगी। गंगा भारतीयों के आस्था का प्रतीक है। मुखर्जी ने कहा कि हिमालय का प्राकृतिक संरक्षण भी सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार खेलों के विकास के लिए एक राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज प्रणाली को लांच करेगी और शिक्षण संस्थानों में खेलों को लोकप्रिय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
मुखर्जी ने कहा, “मेरी सरकार सरकारी अभिलेखों के डिजिटाइजेशन के लिए काम करेगी और यह निष्पक्षता और दक्षता के लिए ई-गवर्नेंस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील सार्वजनिक स्थानों में वाई-फाई जोन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में भी हमलोग ब्रॉडबैंड राजमार्ग स्थापित करेंगे।”
राष्ट्रपति ने जिन परियोजनाओं और नीतियों को गिनाया, वे निम्न हैं-
– तीव्र रफ्तार रेलगाड़ियों की एक हीरक चतुर्भज परियोजना
– खराब होने वाले कृषि उत्पादों के लिए विशेषीकृत कृषि-रेल नेटवर्क के साथ विदेशी कॉरीडोर
– इनोवेटिव फायनेंसिंग के साथ रेलवे में उच्च निवेश
– पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर क्षेत्रों तक रेलवे विस्तार
– रेल सुरक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण
– बंदरगाहों के साथ दूरवर्ती इलाकों से सड़कों और रेलवे से जोड़ने के लिए सागर माला परियोजना।
– प्रमुख परिवहन मार्गो के रूप में नदियों और तटीय जलमार्गो का इस्तेमाल
– विकास पर केंद्रित नई राष्ट्रीय ऊर्जा नीति
– राष्ट्रीय सौर मिशन का विस्तार
– गैस ग्रिड से घरों और उद्योगों को जोड़ना
– निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला क्षेत्र का सुधार
– अंतर्राष्ट्रीय असैन्य परमाणु समझौतों का क्रियान्वयन
– विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले 100 शहरों का विकास
– साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए एकीकृत अधोसंरचना
– 10 वर्षो में प्रत्येक परिवार के लिए हर मौसम के अनुकूल सभी सुविधाओं से युक्त मकान
– राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के लिए समयबद्ध कार्यक्रम
– छोटे शहरों को जोड़ने के लिए कम लागत वाले हवाईअड्डों का विकास
– देश की समृद्धि के लिए तटों का गेटवे के रूप में विकास
– मौजूदा बंदरगाहों का आधुनिकीकरण और नए विश्वस्तरीय बंदरगाहों का विकास