नई दिल्ली,एजेंसी-28 मई। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 लागू है। वहां से इस अनुच्छेद को हटाए जाने की मांग को लेकर विवाद भी छिड़ गया है। आखिर क्या है अनुच्छेद- 370?
संविधान का अनुच्छेद- 370 एक अस्थाई प्रबंध के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष स्वायत्तता वाला राज्य का दर्जा देता है। अनुच्छेद- 370 का खाका 1947 में शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था, जिन्हें तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। उस दौरान शेख अब्दुल्ला ने अनुच्छेद- 370 को लेकर यह दलील दी थी कि संविधान में इसका प्रबंध अस्थाई रूप में न किया जाए। उन्होंने राज्य के लिए मजबूत स्वायत्तता की मांग की थी, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया था। 1965 तक जम्मू कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था।
संविधान के अनुच्छेद- 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए।
इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर पर संविधान का अनुच्छेद- 356 लागू नहीं होता। राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 360 जिसमें देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
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