नई दिल्ली,एजेंसी-28 मई। विदेश मंत्री के रुप में कार्यभार संभालने के बाद सुषमा स्वराज ने आज कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन पडोसी देश को भारत के प्रति आतंकी गतिविधियां बंद करनी चाहिए अन्यथा बातचीत बम धमाकों में डूब जाएगी.
सुषमा ने कहा कि विदेश मंत्री के रुप में उनकी प्राथमिकता होगी कि दुनिया को भारत की क्षमता दिखायी जाए और पडोसी देशों, सामरिक साझेदारों, अफ्रीका, आसियान देशों, यूरोप एवं अन्य देशों के साथ संबंध सुधारे जाएं.सुषमा ने कहा कि हमने पाकिस्तान से कहा है कि हम उसके साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. लेकिन अच्छे संबंधों के लिए बातचीत तभी प्रभावी और सफल हो सकती है, जब उसकी सरजमीं से (भारत के प्रति) आतंकी गतिविधियां बंद हों.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बातचीत की आवाज बम धमाकों की आवाज में दब जाती है. इसीलिए बम धमाके रुकने चाहिए ताकि हम बातचीत कर सकें और हमारी आवाज सुनी जा सके. बम धमाकों की आवाज में बातचीत दब जाएगी. उन्होंने (मोदी ने) शरीफ से इन्हीं शब्दों में यह बात कही है.’’ सुषमा ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह मुंबई में 2008 के आतंकी हमलों के मुकदमे की तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित करे. मामले की सुनवाई पाकिस्तान में हो रही है. पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि वे इस पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी ने कल दक्षेस देशों के नेताओं के साथ बातचीत की, जो सफल रही. ये नेता मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आये थे.सुषमा ने कहा कि मोदी ने दक्षेस नेताओं से कहा है कि द्विपक्षीय मसलों के कारण दक्षेस दुनिया में पहचान नहीं बना सका. उन्होंने कहा कि यदि महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मसले संबंधित देशों पर ही छोड दिये जाएं तो दक्षेस एक मजबूत ताकत के रुप में उभर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगी कि पहली बार दक्षेस नेताओं ने महसूस किया कि एक ऐसी सरकार और एक ऐसे प्रधानमंत्री ने भारत में सत्ता संभाली है जो लीक से हटकर सोचते हैं.’’
एक सवाल के जवाब में सुषमा ने कहा कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे के साथ बातचीत में मोदी ने मछुआरों का मुद्दा उठाया और पडोसी देश में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेल मिलाप की प्रक्रिया पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने तमिल मछुआरों का मुद्दा उठाया. मैंने उन्हें भारत के तमिलनाडु के मछुआरे कहा. हमने 13वें संशोधन का मुद्दा भी उठाया.’’ भारत 13वें संशोधन को लागू करने की मांग उठाता रहा है, जो यह 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के प्रावधानों के आधार पर प्रांतीय परिषदों को कुछ अधिकार सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था.
यह पूछने पर कि अमेरिका के प्रति नई सरकार का नजरिया क्या होगा, सुषमा ने कोई ब्यौरा नहीं दिया लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और मोदी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया और ये भी बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को अमेरिका यात्रा का न्यौता दिया है.
सुषमा ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी के साथ वह बातचीत करेंगी. केरी ने कल सुषमा से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी. ‘‘हम कल निर्धारित समय के अनुरुप बात नहीं कर सके लेकिन हम फिर से कार्यक्रम तय कर रहे हैं और बातचीत करेंगे.’’ यह पूछने पर कि क्या नई सरकार अमेरिका के मुकाबले जापान जैसे देशों को अधिक तरजीह देगी, सुषमा ने कहा कि दो देशों के बीच संबंधों की तुलना करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि आप दो देशों के बीच संबंधों की तुलना नहीं कर सकते. जापान के साथ हमारे मजबूत व्यापारिक संबंध हैं. लेकिन अमेरिका का अपना महत्व है.