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बिहार की मांझी सरकार आज करेगी विश्वास मत हासिल


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पटना,एजेंसी-23 मई। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के विश्वास मत के बहाने दो धुर विरोधी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार एक साथ आ चुके हैं। राजद ने विधानसभा में शुक्रवार को मांझी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया है। हालांकि जदयू ने साफ किया है कि इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। हमने राजद से समर्थन मांगा नहीं था। हमारा पहले से पूर्ण बहुमत है। राजद ने भी इसे निकटता नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष एका की शुरुआत के रूप में परिभाषित किया है। इधर, भाजपा तथा उसकी सहयोगी पार्टियों ने जदयू और राजद पर हमले तेज कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने सत्ता बचाने के लिए लालू के साथ नापाक गठबंधन किया है। उनकी पोल खुल गई।
विश्वास मत के लिए विधानसभा की बैठक पूर्वाह्न 11 बजे बुलाई गई है। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विश्वास मत पेश करेंगे। उनको इसे हासिल करने में कोई परेशानी नहीं है। समीकरण कुछ इस तरह बना है कि सरकार को विश्वास मत मिलने की गारंटी हो गई है। राजद का घोषित समर्थन मिल जाने के बाद सरकार की स्थिति और मजबूत हो गई है। भाजपा के चार विधायक नित्यानंद राय, सतीशचंद्र दूबे, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और अश्रि्वनी कुमार चौबे लोकसभा के लिए चुन लिए गए हैं। इन लोगों ने अभी संसद की सदस्यता नहीं ली है। लिहाजा ये सब शुक्रवार के मतदान में शामिल हो सकते हैं। भाजपा ने इस सबको पटना बुला लिया है। इधर, जदयू ने जिन चार महिला विधायकों को चुनाव के दौरान पार्टी से निलंबित किया था, वह सब भी मजबूरी में सरकार के पक्ष में मतदान कर सकती हैं। इसलिए कि जदयू की ओर से पक्ष में मतदान के लिए व्हीप जारी किया गया है। वैसे, जदयू ने इन सबके प्रति नरम रुख रखने का संकेत दिया है। पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा भी सदन की बैठक में शामिल होने के लिए नई दिल्ली से पटना आ गई हैं। विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार भी करेंगे। उनके मंत्रियों की संख्या 17 से बढ़कर 35 तक जा सकती है।
ये है समीकरणविधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है। सात सीट खाली हैं इसलिए बहुमत के लिए सरकार को 119 वोटों की जरूरत है। सत्ता पक्ष में जदयू के 117, कांग्रेस के 4, निर्दलीय के 2, भाकपा के 1 और राजद के 21 विधायकों का समर्थन है। सरकार के पक्ष में कुल 145 सदस्यों का समर्थन हो सकता है। वहीं विपक्ष में भाजपा के 88 और 3 निर्दलीय हैं।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि बिहार की सत्ता पर काबिज होने के भाजपा के प्रयास को नाकाम करने के लिए उन्होंने बिना शर्त जदयू की सरकार को समर्थन दिया है। लालू प्रसाद ने गुरुवार शाम नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। समझा जाता है कि सोनिया गांधी को उन्होंने बिहार में हुए चुनाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। लालू प्रसाद ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हमारी पार्टी केंद्र में कांग्रेस को लंबे समय से समर्थन दे रही है। इसी प्रकार जीतनराम मांझी की सरकार को बिहार में हमारा समर्थन भाजपा की सत्ता पर काबिज होने की साजिश को नाकाम करना है। यह बिना शर्त समर्थन है, और हम लगातार सरकार के कामों की मानिटरिंग करते रहेंगे। राजद सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा का सूबे में बेहतर प्रदर्शन सांप्रदायिक जहर के निचले स्तर तक फैल जाने के कारण हुआ है। यह पूछे जाने पर कि जदयू सरकार को समर्थन क्या इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में दोनों पार्टियां एक हो जाएंगी, उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ही अलग मसला है। मैंने तो चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद ही कहा था कि समाजवादी और ‘मंडल’ ताकतों के बिखराव का खमियाजा भुगतना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा का सामना करने के लिए राजद और जदयू एकसाथ आगे आ सकते हैं, प्रसाद ने कहा कि यह सवाल भविष्य के गर्भ में छुपा है। फिलहाल सच्चाई यह है कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हमने मांझी सरकार को समर्थन दिया है। इसमें कोई और दूसरी राजनीति नहीं है। बिहार में लोकसभा चुनाव में करारी हार ने जदयू और राजद को काफी करीब ला दिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव पहले ही संकेत दे चुके हैं कि भाजपा का सामना करने के लिए जदयू और राजद आपस में मिल सकते हैं।


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