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पश्चिम बंगाल में नहीं चली ‘मोदी लहर’


Mamta
कोलकाता,एजेंसी-17 मई। भले ही पूरे देश में नरेंद्र मोदी की सुनामी की वजह से बीजेपी को वोट्स मिले हो लेकिन पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्‍य रहा जहां पर दीदी का दबदबा ही कायम रहा। देश का एक ऐसा राज्‍य जिसने मोदी सुनामी का मजबूती से सामना किया। जहां पूरे देश में बीजेपी नंबर वन राजनीतिक दल के तौर पर उभरी तो पश्विम बंगाल में बीजेपी तीसरे नंबर पर आई। इसकी वजह से तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनावों की चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी। इन नतीजों के साथ ही ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी की पश्विच बंगाल में की गई सारी कोशिशों को जीरो कर दिया। लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी को लेफ्ट फ्रंट का भी कड़ा मुकाबला करना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में मौजूद 42 सीटों में से 34 सीटों पर अपना कब्‍जा जमाया। बीजेपी को पश्चिम बंगाल में सिर्फ दो सीटें ही हासिल हो सकी हैं। वहीं दो सीटें लेफ्ट को और चार सीटें कांग्रेस को हासिल हुईं। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग सीट जीती है जहां पर तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को टिकट दिया। इस सीट पर बीजेपी के एसएस आहलूवालिया ने चुनाव जीता है। आहूलावालिया ने वर्ष 2009 में भी यह सीट बीजेपी के लिए जीती थी। इसके अलावा आसनसोल से प्‍लेबैक सिंगर और अब राजनेता बाबुल सुप्रियो ने चुनाव जीता। चुनाव नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा ही राज्‍य में आर्थिक स्थिरता और लोगों के हितों के लिए काम करती आई है। अब उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की जनता के लिए भलाई के लिए ही काम करेगी और कभी भी समर्पण भाव को जाने नहीं देगी। वर्ष 2009 के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में मिलकर चुनाव लड़ा था। उस वर्ष तृणमूल कांग्रेस को 19 सीटें और कांग्रेस को छह सीटें हासिल हुई थीं। लेफ्ट कोद 15 और बीजेपी को एक सीट हासिल हुई थी।


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