नई दिल्ली,एजेंसी-17 मई | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को देश की जनता को आखिरी बार संबोधित किया। अपने विदाई भाषण में मनमोहन सिंह ने ‘बंटवारे के कारण बेघर हुए एक बच्चे’ को प्रधानमंत्री के ऊंचे पद तक पहुंचाने के लिए देशवासियों का आभार जताया। साथ ही उन्होंने आने वाली सरकार को हर सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने देशभर में हुए आम चुनाव को ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें मजबूत’ करने वाला बताया और कहा कि हम सभी को जनादेश का सम्मान करना चाहिए। प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों पहले अपने हिंदी और अंग्रेजी के संबोधन में मनमोहन सिंह ने देश के अच्छे भविष्य को लेकर भरोसा जताया।
उन्होंने कहा, “मुझे भारत के भविष्य के बारे में पूरा इत्मीनान है। मुझे पक्का विश्वास है कि वह समय आ गया है, जब भारत दुनिया की बदलती हुई अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरेगा। परंपरा को आधुनिकता के साथ और विविधता को एकता के साथ मिलाते हुए हमारा देश दुनिया को आगे का रास्ता दिखा सकता है। अपने महान देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरा सौभाग्य रहा है। मैं इससे ज्यादा कुछ और नहीं मांग सकता था।”
वर्ष 2004 से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का लगातार दो कार्यकाल के लिए नेतृत्व करने वाले मनमोहन सिंह ने कहा, “10 साल पहले इस जिम्मेदारी को संभालते वक्त मैंने अपनी पूरी मेहनत से काम करने और सच्चाई के रास्ते पर चलने का निश्चय किया था। मेरी ईश्वर से प्रार्थना थी कि मैं हमेशा सही काम करूं।”
उन्होंने कहा, “आज, जब प्रधानमंत्री का पद छोड़ने का वक्त आ गया है, मुझे अहसास है कि ईश्वर के अंतिम निर्णय से पहले, सभी चुने गए प्रतिनिधियों और सरकारों के काम पर जनता की अदालत भी फैसला करती है।” आम चुनाव के नतीजों, जिसमें कांग्रेस में बुरी तरह हार हुई, पर टिप्पणी करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, “आपने जो फैसला दिया है, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। इन लोकसभा चुनावों से हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ें मजबूत हुई हैं।”
उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने कई बार कहा है, मेरा सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब है। मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से अपने महान राष्ट्र की सेवा करने की कोशिश की है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “संप्रग के पिछले 10 साल के कार्यकाल के दौरान देश को कई सफलताएं मिलीं और बहुत सी उपलब्धियां हैं, जिन पर हमें गर्व है। आज हमारा देश हर मायने में दस साल पहले के भारत से कहीं ज्य़ादा मजबूत है। देश की सफलताओं का श्रेय मैं आप सबको देता हूं। लेकिन अभी भी हमारे देश में विकास की बहुत सी संभावनाएं हैं, जिनका फायदा उठाने के लिए हमें एकजुट होकर कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “प्रधान मंत्री का पद छोड़ने के बाद भी आपके प्यार और मोहब्बत की याद हमेशा मेरे जहन में ताजा रहेगी। मुझे जो कुछ भी मिला है, इस देश से ही मिला है। एक ऐसा देश जिसने बंटवारे के कारण बेघर हुए एक बच्चे को इतने ऊंचे पद तक पहुंचा दिया। यह एक ऐसा कर्ज है, जिसे मैं कभी अदा नहीं कर सकता। यह एक ऐसा सम्मान भी है जिस पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा।” नई सरकार को शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा, “मेरी शुभकामना है कि आने वाली सरकार अपने काम-काज में हर तरह से सफल रहे। मैं अपने देश के लिए और भी बड़ी सफलताओं की कामना करता हूं।”