नई दिल्ली,एजेंसी-2 मई। दो प्रमुख हिन्दू धर्मगुरुओं ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्रचार करने की घोषणा की है।
पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ और द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने वाराणसी में मोदी का विरोध करने की योजना बनाई है।
स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि वह धर्मगुरुओं से नरेन्द्र मोदी का विरोध करने को कहने के लिए वाराणसी जाएंगे। शंकराचार्य मोदी को 2002 के गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
शंकराचार्य ने बातचीत करते हुए दावा किया कि मोदी वाराणसी के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। शंकराचार्य ने कहा, ‘एक नामी गुनाहगार वाराणसी से चुनाव लड़ रहा है और मैं वहां उसका विरोध करने जाऊंगा। सत्ता में आने के लिए जो लोगों को बांट रहे हैं उनका पर्दाफाश किया जाना चाहिए।’
उधर स्वामी स्वरूपानंद के सहायकों ने कहा कि वयोवृद्ध धर्मगुरू स्वयं मोदी के विरूद्ध प्रचार में नहीं उतर सकेंगे और उनके नजदीकी सहयोगी स्वामी अवी मुक्तेश्वरानंद उनकी ओर से वाराणसी जाकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के विरुद्ध मोर्चा संभालेंगे।
‘हर हर मोदी’ नारे को लेकर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यह ‘‘व्यक्ति पूजा’’ के समान है और अगर इस नारे को बंद नहीं किया गया तो ‘भगवान मोदी को रोकेंगे’। उक्त नारे को लेकर उठे धार्मिक विवाद पर मोदी ने तुरंत ऐसे नारे नहीं लगाने का निर्देश दिया था।
पुरी के शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी पार्टी विशेष के लिए प्रचार नहीं करेंगे लेकिन चाहते हैं कि कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी ही जीते। उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘पाप किया है और कोई न्यायप्रिय व्यक्ति उन्हें कभी पसंद नहीं कर सकता।’
शंकराचार्य ने आरोप लगाया, ‘मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही महीनों के भीतर राज्य में लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं..मोदी बड़े पैमाने पर नरसंहार के जिम्मेदार हैं।’ उन्होंने कहा कि 2002 दंगे के बाद वह स्वयं गुजरात गए थे और वहां के हालात देखे हैं।
शंकराचार्य ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर लोगों को गुमराह करने के लिए धर्म का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन को सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था के स्थान पर राजनीतिक संगठन के रूप में सामने आना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि भाजपा नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जो देश में तनाव पैदा कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद चौधरी मुन्वर सलीम के आवास पर बातचीत कर रहे शंकराचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग को आजम खान पर लगा प्रतिबंध हटा लेना चाहिए।
मुजफ्फरनगर दंगों के बारे में पूछने पर शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि गुजरात दंगों की तुलना अन्य राज्यों में हुई घटनाओं से नहीं की जा सकती है क्योंकि दंगों में देश के पश्चिमी भाग में स्थित इस राज्य के अधिकारियों की भूमिका थी। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने का मतलब यह नहीं है कि सभी पाप माफ हो गए हैं।