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उप्र : चौथे चरण में सोनिया और राजनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर


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नई दिल्ली,एजेंसी-28 अप्रैल। प्रदेश सरकार के एक राज्य मंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के एक अधिवक्ता और फिल्म जगत के एक अभिनेता ने चुनाव मैदान में उतरकर इस चरण को रोमांचक बना दिया है। इस चरण में हमीरपुर एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है, जहां से कोई सांसद और विधायक प्रत्याशी नहीं हैं।
इस चरण में होने वाले मतदान की वीआईपी सीट पर नजर दौड़ाएं तो धौरहरा से केंद्रीय मंत्री और सांसद जितिन प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने रेखा वर्मा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने यहां से दाऊद अहमद को प्रत्याशी बनाया है। राजनीतिक समीकरणों के आधार पर सपा ने आनंद भदौरिया को और आम आदमी पार्टी (आप) ने बिलकिस बानो को चुनाव मैदान में उतारकर इस मुकाबले को रोचक बना दिया है।
इसी तरह लखनऊ सीट से भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह चुनाव मैदान में हैं तो समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने राज्यमंत्री अभिषेक मिश्र और कांग्रेस ने अपनी विधायक रीता बहुगुणा जोशी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने नकुल दूबे को अपना प्रत्याशी बनाया है।
लखनऊ सीट पर हालांकि पिछले छह लोकसभा चुनाव में भाजपा का ही कब्जा रहा है। लगातार पांच लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद वर्ष 2009 में यह कमान लालजी टंडन ने संभाली। यही कारण है कि लखनऊ सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है।
दूसरी ओर सपा ने अपने राज्य मंत्री अभिषेक मिश्र को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने लखनऊ संसदीय क्षेत्र में कैंट विधायक रीता बहुगुणा जोशी को कमान सौंपी है। वहीं आप ने फिल्म अभिनेता जावेद जाफरी को उतार का जातीय समीकरणों में सेंध लगाने की कोशिश की है।
कांग्रेस की अध्यक्ष के रायबरेली से चुनाव मैदान में होने के कारण यह सीट सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। सोनिया गांधी यहीं से सांसद हैं और इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र पर सभी की निगाहें टिकी हैं। भाजपा ने इस सीट से सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अजय अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। आप ने यहां से सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति फखरुद्दीन अहमद को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनके चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अर्चना श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है।
इस चरण की एक अन्य महत्वपूर्ण सीट कानपुर है, जहां से दो राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में हैं। जहां एक ओर कांग्रेस ने केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने अपने पूर्व अध्यक्ष और कोयला घोटाले की जांच के लिए गठित संसदीय समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में दोनों ही नेताओं के सामने कड़ा संघर्ष है।
इस सीट पर सपा ने सुरेंद्र अग्रवाल को जहां प्रत्याशी बनाया है, वहीं बसपा ने सलीम अहमद और आप ने मोहम्मद रहमानी को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशी अपने समुदाय के वोट बैंक पर कब्जा करने की होड़ में हैं, जिससे इस लोकसभा सीट का चुनाव रोमांचक हो गया है।
झांसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने इसी सीट से सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को प्रत्याशी बनाया है। इस बार भाजपा ने यहां से मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री व तेज तर्रार नेत्री उमा भारती को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा सपा ने चंद्रपाल यादव, बसपा ने अनुराधा शर्मा और आप ने अर्चना गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर उमा भारती के आ जाने से मुकाबला रोचक हो गया है।
इसी तरह की स्थिति बाराबंकी सीट की भी है। बाराबंकी से केंद्र में मंत्री का दर्जा प्राप्त व इसी सीट से सांसद पी.एल.पुनिया पर कांग्रेस ने दोबारा भरोसा जताया है। दूसरी ओर, अन्य राजनीतिक दलों ने जातीय समकरण के आधार पर अपने प्रत्याशी उतार कर वोट को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। यहां से भाजपा ने प्रियंका रावत, सपा ने राजरानी रावत और बसपा ने कमला प्रसाद रावत को मैदान में उतारा है।


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