नई दिल्ली,एजेंसी-7 अप्रैल। भाजपा ने बाबरी मस्जिद न सिर्फ जानबूझ और सोच समझ कर बल्कि सत्ता हासिल करने के मकसद से गिराई थी जिससे देश की अस्मिता को चिरस्थायी चोट पहुंची ‘ : अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनाव से पहले देश में सांप्रदायिकता के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भाजपा बांटों और राज करो की नीति पर बरसों तक गुलाम रखने वाले अंग्रेजों से भी खतरनाक है और वह अब फिर धर्म के नाम पर भाई-भाई को लड़ाना चाहती है । पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा ने बाबरी मस्जिद न सिर्फ जानबूझ और सोच समझ कर बल्कि सत्ता हासिल करने के मकसद से गिराई थी जिससे देश की अस्मिता को चिरस्थायी चोट पहुंची। श्री सिंघवी ने कहा कि इस बार भी विगत तीन चार दिन की घटनाओं से साफ संकेत मिला है कि भाजपा फिर सांप्रदायिकता के एजेंडे पर लौट रही है । इस बार के चुनाव में भारत के अस्तित्व के विचार पर संकट खड़ा हो गया है । जिस प्रकार श्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा को निगल लिया है, उसी प्रकार भाजपा भारत के विचार को निगलना चाहती है । यह पार्टी अब सांप्रदायिकता और पूंजीवाद का मिश्रण बन चुकी है जो पूरे लोकतंत्र को निगलना चाहती है। श्री सिंघवी ने कहाकि हम विदेशी शासकों की निंदा करते हैं जो बांटों और राज करो की नीति पर चलते थे लेकिन भाजपा एवं संघ परिवार के लोग स्वार्थ एवं पद के लिए लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांटने में लगे हैं जो देश के लिए यादा खतरनाक है । श्री सिंघवी ने भाजपा के महासचिव अमित शाह के विवादास्पद बयान को सांप्रदायिकता की ओर लौटने का महत्वपूर्ण प्रमाण बताते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग से उनके उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग का र्समथन करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की मुलाकात को सांप्रदायिक कहे जाने के बारे में श्री सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष समाज के सभी वर्गों के लोगों से हमेशा मिलती रही हैं।
वह सभी से यह अपील कर रही हैं कि धर्मनिरपेक्ष वोट कहीं बंटने न पाएं। इसमें कुछ भी गलत या सांप्रदायिक नहीं है । बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हराव की भूमिका की बात पूछे जाने पर श्री सिंघवी ने श्री नरसिंम्ह राव का बचाव करते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह द्वारा उच्चतम न्यायालय में दिए गए हलफनामे के कारण ही राय सरकार पर विश्वास करने को मजबूर थे।