नई दिल्ली,एजेंसी-24 मार्च। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, बीजेपी का झंझट बढ़ता जा रहा है। पार्टी के कई पुराने वफदार बगावत करते नजर आ रहे हैं। सोमवार की सुबह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने राजस्थान के बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप नामांकन पत्र दाखिल किया। सोमवार को ही बिहार बीजेपी के दिग्गज लालमुनि चौबे ने बीजेपी से नाता तोड़ते हुए बक्सर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व चोरों का है। ऐसे में पार्टी में बने रहने का कोई मतलब नहीं। इतना ही नहीं देशभर में कई पुराने कार्यकर्ता बगावत पर उतर आए हैं।
जसवंत ने भरा बाड़मेर से पर्चा
बीजेपी के दिग्गज नेता जसवंत सिंह ने सोमवार को राजस्थान के बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा। नामांकन के वक्त जसवंत ने कहा कि मुझे बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी का आशीर्वाद प्राप्त है। गौरतलब है कि बीजेपी ने बाड़मेर से पिछले सप्ताह ही कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए जाट नेता कर्नल सोनाराम को टिकट दिया है। बाड़मेर के जिला कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी भानु प्रकाश बताया कि जसवंत सिंह ने नांमाकन पत्र के तीन सेट पेश किए हैं। उनके साथ चार समर्थक भी नामांकन पत्र दाखिल करने के वक्त मौजूद थे।
जसवंत सिंह के नामांकन पर बीजेपी ने कहा कि वह नाम वापस लेने की तारीख तक जसवंत सिंह का इंतजार करेगी। अगर उन्होंने उम्मीदवारी से नाम वापस नहीं लिया तो उनके ऊपर कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
बिहार में लालमुनि ने फूंका बगावत का बिगुल
बिहार के बक्सर से 4 बार सांसद और 5 बार विधायक रहे दिग्गज नेता लालमुनि चौबे सोमवार को पार्टी से नाता तोड़ते हुए बक्सर से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। कभी अटल बिहारी वाजपेयी के खास रहे लालमुनि ने कहा, ‘बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व चोरों का है। ऐसे में पार्टी में बने रहने का सवाल ही नहीं रहता है।’ उन्होंने कहा कि बक्सर से 400 किलोमीटर दूर के कैंडिडेट को टिकट देकर बीजेपी नेतृत्व ने लाखों कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। मैं यह लड़ाई अपने लिए नहीं पार्टी से जुड़े लाखों कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए लड़ रहा हूं।
पाठक ने दिखाए बागी तेवर
7 बार सांसद रहे और आडवाणी के वफादार हरिन पाठक ने भी रविवार को पार्टी से बगावत के संकते दे दिए हैं। लोकसभा का टिकट नहीं दिए जाने के पार्टी के फैसले की निंदा करते हुए पाठक ने कहा कि वह अगला कदम उठाने से पहले अपनी पार्टी के समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। गौरतलब है कि अहमदाबाद पूर्व से पाठक निवर्तमान सांसद हैं और इस बार उनकी जगह बॉलिवुड ऐक्टर परेश रावल को टिकट दे दिया गया है। पाठक को बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता है।
महरिया भी लड़ेंगे निर्दलीय बीजेपी के सीनियर नेता सुभाष महरिया ने सीकर से टिकट नहीं मिलने के बाद 26 मार्च को निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर नांमाकन करने की घोषणा की। बताया जाता है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर महरिया की अच्छी पकड़ है।