नई दिल्ली,एजेंसी-22 मार्च । अभी भाजपा अपने लौह पुरुष लालकृष्ण आडवाणी को मनाने में लगी थी कि भाजपा के एक और दिग्गज ने पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया। जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इस मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह आमने-सामने हैं।
राजस्थान की बाड़मेर सीट पर जसवंत के समर्थक उन्हें बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का मन बना चुके हैं। जसवंत हवा के रुख का पहले ही भांप चुके थे इसलिए दो हफ्ते पहले ही बाड़मेर से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जाहिर कर दी थी, लेकिन भाजपा उन्हें वहां से टिकट नहीं देना चाहती है।
जसवंत ने 4 मार्च को बाड़मेर से लड़ने के लिए कह दिया था मगर राज्य की मुख्यमंत्री को ये रास नहीं आया। लिहाजा वसुंधरा राजे ने कांग्रेसी नेता कर्नल सोनाराम को साथ ले लिया और जसवंत के बदले मजबूत नेता का विकल्प दे दिया।
वसुंधरा का तर्क ये है कि पिछली बार जसवंत के बेटे मानवेंद्र सिंह को बाड़मेर से टिकट मिला मगर वो हार गए। लिहाजा इस बार जाट वोटर्स को लुभाने के लिए एक जाट नेता ज्यादा मुफीद साबित होंगे। मगर जसवंत समर्थक उनके लिए सामूहिक इस्तीफे की तैयारी कर रहे हैं।
बहरहाल, भाजपा के पास इस मामले से निबटने के लिए 24 मार्च तक का वक्त है। अब देखना यह है कि भाजपा अपने इस पुराने दिग्गज नेता जसवंत सिंह को कैसे मनाती है।