लखनऊ,एजेंसी-10 मार्च । सरकार के दो मंत्रियों का समाजवाद से परिवारवाद की राह पर चलना ले डूबा। दोनों मंत्री कई दलों में रहे हैं और उनके कई पार्टियों में निजी रिश्ते अब भी हैं। लोकसभा चुनाव से पहले फिर मंत्री और उनके परिवारवाले दूसरे दलों की तरफ पेंग बढ़ा रहे थे। इसकी भनक एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लग रही थी। इस बार उन्होंने कोई ढिलाई न बरतते हुए सीधे उन्हें मंत्रिमंडल से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बीएसपी के संपर्क में थे मनोज पारस
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रहे मनोज कुमार पारस पर आरोप है कि वह बीएसपी के संपर्क में थे वह बीएसपी से ही एसपी में आए थे और खुद बीएसपी के विधानसभा प्रभारी रहे हैं। चर्चा तो यहां तक थी कि वह खुद नगीना लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे। 2009 में पहले उनका टिकट घोषित भी हो गया था, बाद में काटकर यशवीर को दे दिया गया। वह सांसद भी बन गए। इस बार भी मनोज पारस की एक न चली।