लखनऊ,एजेंसी-7 मार्च | उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत पर जश्न मनाने के कारण कश्मीरी छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए दोशद्रोह के मामले को शासन के कथित निर्देश पर वापस ले लिए जाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने कहा है कि वह इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष ले जाएगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा है कि जब आम चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर कश्मीरी छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमा क्यों वापस ले लिया गया। वाजपेयी ने यह बातें शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कही।
वाजपेयी ने कहा कि चुनाव के वक्त अखिलेश सरकार ने यह कदम वर्ग विशेष का वोट हासिल करने के उद्देश्य से उठाया है। यह निहायत ही गलत है। पार्टी इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी और मांग करेगी कि वह इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए यथास्थिति बहाल कराए और जिनके खिलाफ मुकदमे हटाए गए हैं उन्हें दोबारा दर्ज कराया जाए।
वाजपेयी ने कहा कि तुष्टीकरण के आगे अब सपा सरकार ने राष्ट्रवाद से समझौता कर लिया है। दर्शकों से विस्थापित काश्मीरी पंडितों के बारे में तो मुलायम कुछ नहीं बोलते लेकिन जब बारी वोट लेने की आती है तो वर्ग विशेष के छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमे 24 घंटे में वापस ले लिए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि एशिया कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की जीत के बाद नारेबाजी करने वाले मेरठ के स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के 66 छात्रों के खिलाफ दर्ज किया गया देशद्रोह का मुकदमा राज्य सरकार ने जांच के बाद वापस ले लिया है।
इसके अतिक्ति वाजपेयी ने कहा कि राजधानी में आंदोलन कर रहे संविदा बस चालकों की मांग जायज है और सरकार उनकी मांगों पर विचार करते हुए जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकाले ताकि लोगों को मुश्किलों से निजात मिल सके।