लखनऊ,एजेंसी-6 मार्च | इलाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के आदेश के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) यशस्वी यादव को गुरुवार को पद से हटा दिया। यादव पर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी के दबाव में आकर कनिष्ठ चिकित्सकों की पिटाई करवाने का आरोप था। हड़ताली चिकित्सक लगातार यादव को हटाने की मांग कर रहे थे।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यशस्वी यादव को कानपुर के एसएसपी पद से हटाकर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय लखनऊ से संबद्घ कर दिया है। फिलहाल उन्हें नई तैनाती नहीं दी गई है। साथ ही कानपुर में नए एसएसपी की भी तैनाती अभी नहीं की गई है।गौरतलब है, कि बीते शुक्रवार की शाम कानपुर के हैलट अस्पताल के चिकित्सकों का सपा विधायक इरफान सोलंकी से विवाद हो गया था। विधायक और उनके समर्थकों ने चिकित्सकों के साथ मारपीट की। आरोप है कि बाद में विधायक के दबाव में पुलिस ने चिकित्सकों पर लाठीचार्ज किया और 24 चिकित्सकों को जेल में बंद कर दिया।इस घटना के विरोध में कानपुर सहित प्रदेश के अन्य मेडिकल कलेजों और अस्पतालों के चिकित्सक शनिवार से हड़ताल पर चले गए। उधर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि अब चितकित्सकों को अपनी हड़ताल खत्म कर देनी चाहिए। हड़ताल से आम जनता और मरीज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब अगले एक से दो घंटे में हड़ताली चिकित्सक हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर काम पर वापस लौट सकते हैं।