बांग्लादेश,एजेंसी-25 फरवरी। टीम इंडिया एशिया कप के 12वें संस्करण के अपने पहले मुकाबले में बुधवार को मेजबान बांग्लादेश से भिड़ेगी। यह मैच फातुल्लाह के खान साहिब उस्मान अली स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच में भारतीय टीम की कमान विराट कोहली के हाथों में होगी। कोहली को नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की गैरमौजूदगी में यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। धौनी न्यूजीलैंड दौरे में चोटिल हो गए थे। भारत को एशिया कप के माध्यम से अपनी आईसीसी नम्बर-2 टीम की रैंकिंग भी बनाए रखनी होगी।
साथ ही साथ भारतीय टीम 2010 के बाद पहली बार एशिया कप पर अपना कब्जा जमाना चाहेगा। उसने श्रीलंका में आयोजित टूर्नामेंट के 10वें संस्करण के फाइनल में श्रीलंकाई टीम को हराकर पांचवीं बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था। भारत ने 1984, 1989, 1991, 1995 और 2010 में एशिया कप खिताब जीता है। अंतिम बार भारत ने श्रीलंका में मेजबान टीम को 81 रनों से हराकर खिताब जीता था। उस मैच में दिनेश कार्तिक ने बल्ले से और आशीष नेहरा ने गेंद से चमकदार प्रदर्शन किया था।
कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम काफी सशक्त नजर आ रही है लेकिन हाल के दिनों में न्यूजीलैंड में खराब प्रदर्शन के कारण उसका मनोबल थोड़ा विचलित है। ऐसे में एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करना कोहली के सामने बड़ी चुनौती होगी| न्यूजीलैंड में भारत को एकदिवसीय और टेस्ट श्रृंखला में हार मिली थी। महाद्वीपीय हालात होने के कारण भारतीय टीम के बांग्लादेश में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। धौनी की गैरमौजूदगी में विकेट के पीछे की जिम्मेदारी दिनेश कार्तिक सम्भालेंगे, जो खुद भी एक आला दर्जे के बल्लेबाज हैं।
बांग्लादेश के लिए बुरी खबर यह है कि इस टीम के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी शाकिब अल हसन को खराब व्यवहार के लिए तीन मैचों का प्रतिबंध झेलना ही पड़ेगा। बांग्लादेश टीम प्रबंधन ने बोर्ड से अनुरोध किया था वह शाकिब की सजा कुछ कम कर दे लेकिन उसे नकार दिया गया है। शाकिब एशिया कप के दो मैचों में नहीं खेल सकेंगे और ऐसे में बांग्लादेश को जीत के लिए कुछ और रणनीति तथा संयोजन को अपनाना होगा। यह टीम श्रीलंका के खिलाफ हाल ही में समाप्त तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 0-3 से हारी है और बुरी तरह बिखरी हुई है।
साल के इस वक्त में बांग्लादेश में टूर्नामेंट खेलना भारत के लिए फायदेमंद रहेगा क्योंकि उसे अगले महीने यहीं पर ट्वेंटी-ि20 विश्व कप खेलना है और ऐसे में टीम के सभी सदस्य हालात को भली-भांति पहचान सकेंगे। इससे खेल के सबसे छोटे प्रारूप में उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।