लखनऊ,एजेंसी-25 फरवरी | उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के सात मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने के एक महीने बाद भी उन्हें विभाग की जिम्मेदारी नहीं मिली है। विगत 21 जनवरी को मुख्यमंत्री ने अपने पांच राज्यमंत्रियों-शाहिद मंजूर, इकबाल महमूद, मनोज पांडे, महबूब अली, गायत्री प्रसाद प्रजापति को प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया था, जबकि विधायक शिवाकांत ओझा को कैबिनट मंत्री के रूप में और विधायक यासिर शाह को राज्यमंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया।
सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार मुख्यमंत्री को अपने इन मंत्रियों को विभाग आवंटित करने में इतना समय क्यों लग रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को शपथ दिलाकर राजनीतिक एजेंडा साध लिया लेकिन अब उनके सामने असमंजस की स्थिति है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि ज्यादातर विभाग तो आजम खान और शिवपाल यादव के पास हैं ऐसे में मुख्यमंत्री असमंजस में हैं कि कहीं आजम और शिवपाल से विभाग लिए गए तो वे नाराज न हों जाएं। इसीलिए वह महीनेभर बाद भी फैसला नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि चार मुस्लिम, दो ब्राह्मण और एक पिछड़े नेता को मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री ने राजनीतिक एजेंडा साध लिया। जब विभाग नहीं देना था तो मंत्री क्यों बनाया। वहीं सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया।