पटना,एजेंसी-22 फरवरी | तेलंगाना के अलग राज्य की घोषणा और सीमांध्र को आगामी पांच वर्षों तक विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 मार्च को बिहार बंद का आह्वान किया है, वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 28 फरवरी को ‘रेल रोको’ की घोषणा की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि केंद्र ने राज्य के साथ पक्षपात पूर्ण नीति का अनुसरण किया है। सिर्फ सोनिया गांधी के कहने पर सीमांध्र को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया गया जबकि तमाम आंदोलनों और बिहार की जनआकांक्षाओं के बावजूद बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। नीतीश ने कहा कि हम केंद्र की इस पक्षपात नीति का विरोध करते हैं लेकिन यह बिहार के साथ धोखा है। उन्होंने एक मार्च को सभी दलों और सभी वर्गो से इस बंद को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा, “हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। देश के समावेशी विकास के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्यों को विकास के अवसर दिए जाएं।” उन्होंने बंद के दिन सार्वजनिक हड़ताल करने का आह्वान करते हुए कहा कि उस दिन ऐतिहासिक बिहार बंद होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विशेष दर्जा की मांग को लेकर अडिग हैं। इधर, भाजपा के नेता सुमो ने कहा कि विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर भाजपा अगामी 28 फरवरी को पूरे बिहार में रेल रोको आंदोलन करेगी। उनका मामना है कि रेल केन्द्र सरकार के तहत आती है। उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से उस दिन रेल रोकने का आह्वान किया। एक ही मुद्दे पर अलग-अलग बंद की तिथि के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अगर बंद कराना था तो सभी पर्टियों से पहले विचार-विमर्श कर लेते। उसके बाद तिथि घोषित करते। उल्लेखनीय है कि बिहार को विशेष राज्य की मांग को लेकर पटना और दिल्ली में जद (यू) रैली कर चुकी है तथा कई स्तर पर आंदेालन कर चुकी है।
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