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राज्यसभा में पेश नहीं हो सका तेलंगाना विधेयक


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नई दिल्ली,एजेंसी-20 फरवरी । सरकार और विपक्ष के बीच विधेयक में संशोधनों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में बुधवार को तेलंगाना विधेयक पेश नहीं हो सका। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने कुल 32 संशोधन प्रस्ताव पेश किए हैं और पार्टी का कहना है कि इसे विधेयक में शामिल किया जाए। यदि संशोधनों के साथ विधेयक पारित होता है तो नियमत: उसे लोकसभा में फिर से भेजना होगा। ऐसी स्थिति में सरकार का मानना है कि इससे विधेयक पारित करने में और कठिनाई पैदा होगी।
चूंकि सहमति नहीं बन पाई इसलिए विधेयक को आज के लिए छोड़ दिया गया और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 5 बजे के थोड़ी ही देर बाद स्थगित कर दी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ को सदन में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों को मनाते देखा गया।
पूरे दिन विधेयक के राज्यसभा में पेश किए जाने के बारे में अनुमान चलता रहा और भोजनावकाश के बाद पूरक कामकाज की सूची वितरित की गई। इसमें भी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को विचार और पारित करना शामिल था। यहां तक कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के वाई. एस. चौधरी और सी. एम. रमेश और कांग्रेस के के. वी. पी. राव सभापति की आसंदी के सामने एकजुट आंध्र के समर्थन में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। हंगामे के बीच राज्यसभा ने चार विधेयक पारित किए।
जब तेलंगाना विधेयक पेश होने को था तब ऊपरी सदन का कामकाज शाम 4:30 बजे आधे घंटे के लिए अचानक रोक दिया गया। शाम 5 बजे जब कार्यवाही फिर से बहाल हुई तब कुरियन ने कहा कि चार विधेयक पारित होना दिन भर के लिए काफी है और गुरुवार तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। भाजपा की ओर से पेश किए गए संशोधनों में शेष सीमांध्र को 10,000 का विशेष पैकेज देना शामिल है क्योंकि पार्टी का मानना है कि हैदराबाद के तेलंगाना में जाने से उसे राजस्व का नुकसान होगा।
दूसरे संशोधन में उत्तरी तटीय आंध्र, रायलसीमा और तेलंगाना के पिछड़े क्षेत्र के लिए औद्योगिक रियायत की मांग की गई है। इसके अलावा सीमांध्र की राजधानी के लिए विशेष कोष की भी मांग की गई है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार तेलंगाना विधेयक गुरुवार को पेश करेगी। इस बीच कांग्रेस के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से सीमांध्र को अगले पांच वर्षों तक विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए कहा है।
इससे पहले राज्यसभा में तेलंगाना गठन का विरोध कर रहे सांसदों ने बुधवार को फिर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रथम स्थगन के बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हुई, लेकिन तेलंगाना का विरोध कर रहे सदस्य सभापति के आसन के नजदीक पहुंच गए। राज्यसभा महासचिव शमशेर के. शेरिफ लोकसभा से भेजे गए एक संदेश को पढ़ रहे थे, तभी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक सदस्य ने उनके हाथ से कागज छीन लिए। इस शोरशराबे के बीच उपसभापति पी.जे.कुरियन ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।


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