चेन्नई, एजेंसी-19 फरवरी | भूतपूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारो को रिहा किया जाएगा. तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी करार दिए गए तीन पुरुषों संथन, मुरुगन तथा पेरारिवलन और एक महिला नलिनी श्रीहरन को रिहा करने का फैसला किया है. दरअसल, तीनों पुरुष दोषियों की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही उम्रकैद में तब्दील किया था, और यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया था कि वह दोषियों को रिहा करना चाहती है या नहीं.
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने अपने मंत्रिमंडल के साथ मंगलवार सुबह बैठक की, जिसमें चारों अभियुक्तों को रिहा करने का फैसला किया गया. रिहा की जाने वाली महिला नलिनी श्रीहरन है, जो सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने वाले तीन में से एक हत्यारे मुरुगन की पत्नी है. नलिनी के मृत्युदंड को पहले ही कांग्रेस प्रमुख तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद उम्रकैद में तब्दील किया जा चुका था.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीन हत्यारों की मृत्युदंड की सजा उम्रकैद में बदली थी . तीन हत्यारों वी. श्रीहरण ऊर्फ मुरुगन, ए.जी. पेरारिवलन ऊर्फ अरिवु और टी.सुथेंद्रराजा ऊर्फ संथन ने उनकी दया याचिका पर फैसले के लगभग 11 सालों से लंबित पड़े रहने की वजह से उनके मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित हुए महान्यायवादी जी.ई.वाहनवती की दलील को खारिज कर दिया.
राजीव गांधी की हत्या 1991 में हुई थी। उनके हत्यारों को टाडा अदालत ने जनवरी 1998 को दोषी साबित किया था और मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिस पर 11 मई 1999 को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई थी.
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